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12th Class Exam : Physics का पेपर आया मुश्किल, छोटे प्रश्नों ने छात्रों को उलझाया Chandigarh News

12वीं क्लास के स्टूडेंट्स विनीत ने बताया कि सेक्शन-ए एक नंबर वाले प्रश्न बहुत ज्यादा मुश्किल थे। इसमें उन्होंने केवल सात प्रश्नों को ही हल किया।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 09:02 AM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 09:50 AM (IST)
12th Class Exam : Physics का पेपर आया मुश्किल, छोटे प्रश्नों ने छात्रों को उलझाया Chandigarh News
12th Class Exam : Physics का पेपर आया मुश्किल, छोटे प्रश्नों ने छात्रों को उलझाया Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। लगातार बोर्ड परीक्षा में आसान आ रहे पेपर के बाद सोमवार को 12वीं क्लास के फिजिक्स का पेपर ने स्टूडेंट्स की मुश्किलें बढ़ा दी। फिजिक्स पेपर में स्टूडेंट्स को छोटे प्रश्नों ने उलझा के रखा। 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स विनीत ने बताया कि सेक्शन-ए एक नंबर वाले प्रश्न बहुत ज्यादा मुश्किल थे। इसमें उन्होंने केवल सात प्रश्नों को ही हल किया। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जिस प्रकार उन्होंने तैयारियां की थी, उस हिसाब से उनका पेपर एवरेज ही रहा।

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सीबीएसई द्वारा इस वर्ष फिजिक्स पेपर का पैटर्न बदल दिया था, जिसकी वजह से स्टूडेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं एक अन्य स्टूडेंट छाया ने बताया कि सेक्शन-ए काफी कठिन रहा। पहले एक नंबर के केवल पांच प्रश्न पूछे जाते थे। लेकिन इस बार एक नंबर के 20 प्रश्न पूछे गए थे। पेपर खत्म होने पर सेंटर से विद्यार्थी उदास चेहरों के साथ बाहर आए। बाहर आकर सभी विद्यार्थी ग्रुप में प्रश्नों को डिस्कस करते दिखे। इसमें कुछ प्रश्न घुमाकर पूछे गए थे। वहीं सेक्शन-डी मुझे थोड़ा आसान लगा। ज्यादातर स्टूडेंट्स ने बताया कि उनका पेपर अच्छा नहीं हुआ और काफी कुछ छूट गया है। स्टूडेंट्स को सेक्शन-ए और न्यूमैरिकल्स कठिन लगे। कई स्टूडेंट्स ने बताया कि उन्हें सेक्शन-डी में बहुत परेशानी हुई और उनके काफी प्रश्न छूट गए है।

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नहीं बंद होना चाहिए आजादी से पहले बना हुआ प्राइमरी स्कूल

मनीमाजरा में प्राइमरी स्कूल को बंद न करके हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की इमारतों में शिफ्ट न करने की मांग को लेकर सोमवार को ऑल मनीमाजरा वेलफेयर एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन रूबिंदरजीत सिंह बराड़ से मिला। इस प्रतिनिधि मंडल में एसोसिएशन के एडवाइजर रामेश्वर गिरि, प्रदीप बागरा, प्रधान एसएस परवाना शामिल थे। जिन्होंने डीएसए को अपना मांगपत्र देकर बताया कि मनीमाजरा के प्राइमरी स्कूल की अपनी एक पहचान है। यह प्राइमरी स्कूल आजादी से पहले 1934 में बना था, जिसके चलते चंडीगढ़ से पहले बना यह स्कूल मनीमाजरा के साथ शहर की भी एक धरोहर है। वहीं इस बारे में रामेश्वर गिरि ने कहा  कि इस स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावक भी नहीं चाहते है कि इस स्कूल को बंद करके किसी बड़े स्कूल में शिफ्ट किया जाए। एसोसिएशन के चेयरमैन एसएस परवाना का कहना है कि डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन के आश्वासन दिया है कि प्राइमरी स्कूलों के अभिभावकों की भावनाओं को ध्यान रखते हुए सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी।


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