श्रीराम मंदिर के इतिहास पर बनाई शॉर्ट फिल्म, हिंदु-मुस्लिम एकता का भी दिखाया सच
इस शॉर्ट फिल्म में ओएफसी दशहरा कमेटी सेक्टर-29 और बिजली दशहरा कमेटी सेक्टर-28 के कलाकारों ने अभिनय किया है।
चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। आयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनने को लेकर शहर के रामलीला दशहरा कमेटी की तरफ से शॉर्ट फिल्म का निर्माण किया गया और शिलान्यास के बाद उसे यूट्यूब पर लांच भी कर दिया गया। शॉर्ट फिल्म में ओएफसी दशहरा कमेटी सेक्टर-29 और बिजली दशहरा कमेटी सेक्टर-28 के कलाकारों ने अभिनय किया है।
फिल्म में बताया गया कि किस प्रकार से मुगल बादशाह भारत में आने पर भगवान श्रीराम के महल को गिरा देता है और उसकी जगह पर बाबरी मस्जिद बना देता है। जैसे ही भगवान श्रीराम का महल गिराया गया तो उसके बाद लगातार लड़ाई होना शुरू हो गई। कई बार मस्जिद और मंदिर के लिए लड़ाई हुई और खून भी बहा लेकिन अंतिम समाधान किसी के पास नहीं हो सका। आखिर में जब मंदिर बनाने को मंजूरी मिली तो उसके बाद देशभर में उत्साह का माहौल बन गया। उल्लेखनीय है कि वीडियो को 4 अगस्त को बनाया गया है और 5 को शिलान्यास के बाद इसे लांच किया गया।
हिंदू-मुस्लिम एकता का भी दिया संदेश
शॉर्ट फिल्म में एक दृश्य मुस्लिम दीये बनाने वाले का दिखाया गया है। जिसमें जब कोई हिंदू दीए खरीददता है, तो मुस्लिम व्यक्ति उसे दस की कीमत में 12 दीए देता है तो हिंदू उसे रोकता भी है कि गलती से ज्यादा दीए मिल रहे हैं। इस पर मुस्लिम कुम्हार बोलता है कि यह गलती से नहीं मैंने श्रद्धा से दिए हैं। यह मेरे नाम के जला देना। इसके बाद अंत में शिलान्यास के बाद शाम को होने वाले दीप प्रजवल्लन को दिखाया गया है जिसमें सभी घरों में दीए ठीक उसी प्रकार से जलाए जा रहे है जैसे दीपावली को जलते हैं।
मुकेश शर्मा ने किया निर्देशन
शॉर्ट वीडियो का निर्देशन बिजली दशहरा कमेटी से मुकेश शर्मा ने किया। अभिनय करने वाले ज्योति भारद्वाज ने कहा कि हमारा उद्देश्य हिंदू-मुस्लिम एकता को कायम रखते हुए सच को दिखाना है। मंदिर-मस्जिद के प्रति उतना विरोध आम लोगों के दिलों में नहीं है जितना कि हमें दिखाया जाता है।