सीबीआइ को झटका, दो गवाह के फिर से बयान कराने की याचिका खारिज
चर्चित जज नोट कांड में बुधवार को सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने दो गवाहों की दोबारा से गवाही कराने की याचिका को खारिज कर दिया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : चर्चित जज नोट कांड में बुधवार को सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने दो गवाहों की दोबारा से गवाही कराने की याचिका को खारिज कर दिया। यह दोनों अहम गवाह दो साल पहले बयानों से मुकर गए थे। सीबीआइ के सरकारी वकील ने कोर्ट में याचिका दायर कर उन गवाह की फिर से गवाही करवाने की इजाजत मांगी थी।
2008 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की जस्टिस निर्मल यादव के खिलाफ 15 लाख रुपये की रिश्वत के आरोप में एफआइआर दर्ज हुई थी। इस केस में सीबीआइ के कई गवाह बयानों से मुकरते जा रहे हैं। केस को चलते 14 साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक इसमें फैसला नहीं हुआ है। इस केस में गवाह पंकज भारद्वाज दो साल पहले अपने बयानों से मुकर गया था।
वह इस केस में अहम गवाह था और उसने पहले अपने बयानों में कहा था कि वह आरोपित संजीव बंसल को जानता था। उसने केस से जुड़े अन्य तथ्यों पर भी बयान दिए थे, लेकिन 21 सितंबर 2019 को कोर्ट में मुकर गया। उसने कोर्ट में अपने बयान में कहा था कि सीबीआइ ने उसके सीआरपीसी 161 के तहत बयान नहीं लिए थे। यह है मामला..
2008 में चंडीगढ़ पुलिस ने 15 लाख रुपये की रिश्वत के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की जस्टिस निर्मल यादव व अन्य लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी। बाद में यह मामला सीबीआइ को ट्रांसफर हो गया था। आरोप के अनुसार 13 अगस्त 2008 की रात हरियाणा के तत्कालीन एडिशनल एडवोकेट जनरल संजीव बंसल ने अपने मुंशी को जस्टिस निर्मल यादव के घर 15 लाख रुपये देने के लिए भेजा था। मुंशी ने गलती से यह राशि जस्टिस निर्मलजीत कौर के घर पहुंचा दी। इस पर निर्मलजीत कौर के नौकर ने पुलिस में शिकायत कर दी थी। इसके बाद जस्टिस निर्मल यादव सहित अन्य आरोपितों पर केस दर्ज किया गया था।