Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट से सीबीआइ को झटका, एसआइटी करेगी बेअदबी व गोलीकांड की जांच

बहिबल कलां में श्री गुरु ग्रंथ साहिब से बेअदबी और फायरिंग केस में सीबीआइ को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। अब इस मामले की जांच पंजाब सरकार की एसआइटी करेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 09:46 AM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 09:46 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट से सीबीआइ को झटका, एसआइटी करेगी बेअदबी व गोलीकांड की जांच
सुप्रीम कोर्ट से सीबीआइ को झटका, एसआइटी करेगी बेअदबी व गोलीकांड की जांच

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और इसका विरोध कर रहे लोगों पर बहिबलकलां (फरीदकोट) में गोली चलाने से संबंधित सभी केसों की जांच अब पंजाब पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ की उस याचिका को देरी के आधार पर खारिज कर दिया है जिसमें उसने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।

loksabha election banner

कोर्ट ने कहा- सीबीआइ ने 90 दिन की जगह 257 दिन लगा दिए याचिका दायर करने में

हाई कोर्ट ने पिछले साल बेअदबी संबंधी सभी मामलों को सीबीआइ से वापस लेने के पंजाब सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया था। मुख्यमंत्री कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह ने विधानसभा में वीरवार को बताया कि अब इस मामले की जांच एसआइटी करेगी और इसे अंतिम नतीजे तक पहुंचाया जाएगा।

कोर्ट ने कहा- देरी के आधार पर विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज की जाती हैं

सीबीआइ की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस आरएफ नरीमन और एस रवींद्र भट की खंडपीठ ने कहा, 'देरी के आधार पर विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज की जाती हैं। सीबीआइ को 90 दिन एसएलपी फाइल करने के लिए दिए गए थे, लेकिन उसने 257 दिन लगा दिए हैं। हालांकि कानून का प्रश्न खुला है।' सीबीआइ के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने सुनवाई के दौरान कहा कि अपील दाखिल करने में देरी हुई, क्योंकि जांच एजेंसी को कानूनी मुद्दे से निपटना था, नहीं तो यह मिसाल बन सकती है।

मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और सिद्धार्थ लूथरा ने पंजाब सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि सीबीआइ द्वारा हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करने में करीब एक साल की देरी हुई। हाई कोर्ट ने पिछले साल 25 जनवरी को कहा था, 'घटनाओं की कड़ी दर्शाती है कि ये आपस में जुड़ी हैं। इसलिए यह अदालत सीबीआइ से जांच वापस लेने या उसके बाद की अधिसूचनाओं को रद करने के राज्य सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करना जरूरी नहीं समझती।'

सर्वसम्मति से हुआ था फैसला

कैप्टन सरकार ने जुलाई 2015 में बरगाड़ी (फरीदकोट) में हुए बेअदबी कांड और उसके बाद हुए बहिबलकलां गोलीकांड की जांच के लिए जस्टिस रंजीत सिंह की अगुआई में आयोग बनाया था। इसकी रिपोर्ट पर विधानसभा में बहस होने के बाद सर्वसम्मति से तय हुआ था कि सीबीआइ से सभी केस वापस ले लिए जाएं। इसके बाद सरकार ने सभी मामले एसआइटी को सौंपने का ऐलान किया था।

सीबीआइ ने कहा था, कुछ सुबूत और मिले हैैं

सीबीआइ ने दलील दी थी कि जो जांच पहले की गई थी उसमें कोई सुबूत न मिलने के कारण 24 जुलाई 2019 को क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई थी। ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के स्पेशल डायरेक्टर कम डीजीपी ने 29 जुलाई को कुछ नए तथ्य व सुबूत मुहैया करवाए जिन्हें देखकर इन पहलुओं पर दोबारा जांच की जरूरत है। दूसरी ओर राज्य सरकार ने सीबीआइ की इस दलील पर असहमति जताई थी।

गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सतीश चंद्रा का कहना था कि हम इसका विरोध कर रहे हैं और बेअदबी संबंधी सभी केस सीबीआइ से वापस लेने के लिए अदालत जा रहे हैं। एडवोकेट जनरल (एजी) अतुल नंदा ने कहा कि इन मामलों की जांच करना अब सीबीआइ का अधिकार क्षेत्र नहीं रहा है।

बादल सरकार ने सौंपी थी जांच

काबिले गौर है कि बेअदबी व गोलीकांड से संबंधित केस शिअद-भाजपा सरकार के कार्यकाल में सीबीआइ को सौंपे गए थे। इसके अलावा बादल सरकार ने भी जस्टिस जोरा सिंह की अगुआई में जांच आयोग का गठन किया था, लेकिन आयोग की रिपोर्ट पर कुछ नहीं हुआ। 

मंत्री बोले- सरकार के पास अब कोई बहाना नहीं

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कैप्टन सरकार के एक सीनियर मंत्री ने पूरे मामले पर कहा कि अब श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और गोलीकांड मामले को नतीजे तक पहुंचाना हमारी सरकार के कंधों पर आ गया है। हमारे पास अब कोई बहाना नहीं रहेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.