भाजपा के नए अध्यक्ष के लिए शिवराज सिंह चौहान आज टटोलेंगे नेताओं की नब्ज
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान बुधवार को चंडीगढ़ आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : भाजपा के नए अध्यक्ष पद के लिए नेताओं और कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने के लिए मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान बुधवार को चंडीगढ़ आ रहे हैं। भाजपा कार्यालय में सुशासन दिवस के कार्यक्रम में चौहान कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। उसके बाद सीनियर नेताओं के साथ बैठक कर उनकी राय जानेंगे। मालूम हो कि किसी एक के नाम पर सहमति बनाने के लिए हाईकमान की ओर से शिवराज चौहान को जिम्मेदारी दी गई है। चंडीगढ़ में सांसद किरण खेर, भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन और पूर्व सांसद सत्यपाल जैन के अलग-अलग गुट हैं। सभी गुट अध्यक्ष पद की कुर्सी पर कब्जा करने के लिए लॉबिग कर रहे हैं। जबकि हाईकमान की ओर से पांच दावेदारों के नाम शॉर्टलिस्ट कर लिए हैं जिनमें से अध्यक्ष बनना तय है। जिनमें पूर्व मेयर अरुण सूद, देवेश मोदगिल, सतिदर सिंह, चंद्रशेखर और रामवीर भट्टी का नाम शामिल है। भट्टी, सूद और चंद्रशेखर टंडन गुट से हैं जबकि सतिदर सिंह सांसद खेर गुट और देवेश मोदगिल जैन गुट से हैं। नए अध्यक्ष की नियुक्ति 15 जनवरी से पहले हो जाएगी। पीयूष गोयल को लगाया गया है पर्यवेक्षक
हाईकमान की ओर से चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष के लिए चुनावी पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को लगाया गया है। वह भी शिवराज चौहान के जाने के बाद चंडीगढ़ में आएंगे। मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम चंडीगढ़ के भावी अध्यक्ष की रिपोर्ट राष्ट्रीय संगठन मंत्री को देंगे। पार्टी के अनुसार 20 जनवरी तक राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी चुन लिया जाएगा। इसलिए चंडीगढ़ के नए अध्यक्ष की नियुक्त इससे पहले हो जाएगी।
पीएम भी यहां रहे हैं संगठन में
चंडीगढ़ अध्यक्ष का पद इसलिए भी अहम माना जाता है क्योंकि पीएम मोदी संगठन मंत्री रहते हुए चंडीगढ़ में रहे हैं और चंडीगढ़ की राजनीति और गुटबाजी से वह भलीभांति जानते हैं। वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का भी चंडीगढ़ से पुराना नाता है। 2011 के नगर निगम चुनाव में नड्डा ने अहम भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही साल 2016 में जब 15 साल बाद नगर निगम में भाजपा का मेयर बना था तो भी नड्डा ने स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए उम्मीदवार अरुण सूद के लिए मनोनीत पार्षदों के घर जाकर वोट भी मांगे थे। मालूम हो कि संजय टंडन पिछले दस साल से प्रदेश अध्यक्ष हैं।
टंडन हो सकते हैं राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल
संजय टंडन को हाईकमान राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल कर सकती है। इसलिए टंडन भी चाहते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव राष्ट्रीय अध्यक्ष से पहले हो जाए। दस साल की अध्यक्ष पद की कारगुजारी से हाईकमान संजय टंडन से संतुष्ट है।