Move to Jagran APP

राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्रीय दलों का फ्रंट बनाएगा शिअद, TMC व एनसीपी सहित कई दलों से हो चुकी बात

भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद अब शिरोमणि अकाली दल (SAD) क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने का काम करेगा। पार्टी ने इसके लिए कमेटी का गठन किया है। कमेटी अब तक डीएमके टीडीपी शिवसेना व तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को मिल चुकी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 09:33 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 02:58 PM (IST)
राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्रीय दलों का फ्रंट बनाएगा शिअद, TMC व एनसीपी सहित कई दलों से हो चुकी बात
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीरसिंह बादल की फाइल फोटो।

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी से रिश्ता तोड़ने के बाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद) अब क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने पर काम करेगा। इसके संकेत दो दिन पहले पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल ने दिए हैं। इससे पहले पार्टी ने पूर्व सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, राज्यसभा सदस्य बलविंदर सिंह भूंदड़ और नरेश गुजराल आदि की एक कमेटी बनाकर देश की सभी क्षेत्रीय पार्टियों को एक मंच पर लाने का जिम्मा दिया हुआ है।

loksabha election banner

कमेटी अब तक तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी, एनसीपी के शरद पवार, डीएमके के प्रमुख एमके स्टालिन, टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू और शिवसेना प्रमुख उद्भव ठाकरे से मिल चुकी है। हरियाणा में इनेलो के नेता ओम प्रकाश चौटाला के जेल से बाहर आने के बाद पार्टी उनसे भी जल्द ही संपर्क बनाएगी।

चौटाला परिवार के साथ बादल परिवार के पुराने रिश्ते हैं। भाजपा से नाता तोड़ने के बाद शिरोमणि अकाली दल ने अगले साल होने वाले पंजाब के विधानसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से समझौता कर लिया है। पार्टी ने उनके लिए बीस सीटें छोड़ी हैं। इसके अलावा पार्टी यहां पर वामदलों को भी साथ लेने की कोशिश कर रही है, लेकिन सुखबीर बादल राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा गठजोड़ खड़ा करना चाहते हैं, जो 2024 में भाजपा को कड़ी टक्कर दे सके। चूंकि भाजपा राष्ट्रीय पार्टी है, इसलिए शिरोमणि अकाली दल क्षेत्रीय पार्टियों का गठजोड़ बनाना चाहता है। पार्टी लगातार मोदी सरकार पर संघवाद के ढांचे को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा रही है, जिसका आधार उन्होंने तीन कृषि कानूनों को बनाया है।

राज्यों के अधिकार छीन रही केंद्र सरकार: सुखबीर

सुखबीर बादल का कहना है कि कांग्रेस अब भाजपा का मुकाबला नहीं कर सकती, इसलिए क्षेत्रीय दलों का मोर्चा इसकी जगह ले सकता है। उन्होंने कहा कि देश के संघीय ढांचे को नए सिरे से परिभाषित करने की जरूरत है। केंद्र सरकार धीरे-धीरे राज्यों के अधिकार छीन रही है, इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि सभी क्षेत्रीय दल मिलकर एक बड़ा मोर्चा तैयार करें, जो 2024 में अपनी सरकार बनाकर इसे ठीक करे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.