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पंजाब कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर लगी मुहर, घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली का लाभ 1 नवंबर से

Punjab Cabinet Meeting सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में हुई पंजाब कैबिनेट की बैठक में जनहित के कई अहम फैसलों पर मुहर लगी। राज्य में घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली का लाभ 1 नवंबर से मिलेगा ।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 06:20 PM (IST)Updated: Fri, 10 Dec 2021 08:41 AM (IST)
पंजाब कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर लगी मुहर, घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली का लाभ 1 नवंबर से
पंजाब कैबिनेट की बैठक लेते सीएम चरणजीत सिंह चन्नी। फोटो- डीपीआर

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Punjab Cabinet Meeting: सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में हुई पंजाब कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसलों पर मोहर लगी। कैबिनेट ने 2 एकड़ तक के क्षेत्र से और 3 फीट तक की गहराई तक ईंट की मिट्टी/साधारण मिट्टी की खुदाई की गतिविधि को गैर खनन गतिविधि के रूप में मंजूरी दे दी है। ईंट भट्ठा मालिक लाइसेंस के लिए फॉर्म 'ए' के ​​तहत आवेदन करेंगे और इसके लिए फॉर्म 'बी' में लाइसेंस प्राप्त करेंगे। एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में कैबिनेट ने घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 7 किलोवाट तक लोड स्वीकृत करने के लिए बिजली की दरों में 3 रुपये प्रति यूनिट की कमी करके राहत देने का भी फैसला किया। यह लाभ 1 नवंबर, 2021 से मिलेगा। 

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पंजाब सरकार ने ईंट भट्टों के लिए आवश्यक मिट्टी निकालने के लिए इसे माइनिंग एक्ट से निकालने का फैसला लिया है। दो एकड़ तक के क्षेत्र और तीन फुट तक से निकाली गई मिट्टी को माइनिंग गतिविधि से निकाल लिया है।यह फैसला आज मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नीकी अगुवाई में हुई कैबिनेट की मीटिंग में लिया गया। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि ईंट भट्ठा मालिक इसके लिए लाइसेंस अप्लाई कर सकते हैं। अगर इससे ज्यादा नीचे की मिट्टी निकाली जानी है तो पंजाब माइनर मिनरल रूल्स 2013 में तय नियम के अनुसार केस से निपटा जाएगा। यह कदम उपभोक्ताओं को उचित कीमत पर ईंट उपलब्ध करवाने और भट्ठा मालिकों को अपने काम को सुचारू रूप से चलाने के लिए किया गया है।

काबिले गौर है कि ईंट भट्ठा मालिक एसोसिएशन इस संबंधी कई बार सरकार को ज्ञापन दे चुकी हैं कि उनका काम गैर माइनिंग का है। भट्ठा मालिकों का कहना है कि इसके लिए पर्यावरण मंजूरी लेने का समय लगता है, भूमि मालिक भी लंबे समय के लिए अपनी जमीन मिट्टी निकालने के लिए नहीं देते और ईंटें बनाने का काम पूरे साल में केवल छह महीने ही हो पाता है। 1 नवंबर से घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को कम बिजली दरों से फायदा होगा कैबिनेट ने बिजली की दरों में 3 रुपये प्रति यूनिट की कमी कर 1 दिसंबर के बजाय 1 नवंबर 2021 से 7 किलोवाट भार के घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देने का भी फैसला किया।

इस निर्णय से राजकोष पर 151 करोड़ रुपये का वार्षिक वित्तीय बोझ पड़ेगा, जिससे 71.75 लाख घरेलू उपभोक्ताओं में से लगभग 69 लाख को लाभ होगा।सरकारी सहायता प्राप्त पब्लिक हाई स्कूल कुकरपिंड (जालंधर) को अपने अधिकार क्षेत्र में लाने की स्वीकृतिकैबिनेट ने जालंधर जिले के सरकारी सहायता प्राप्त हाईस्कूल कुक्करपिंड के प्रबंधन की सहमति को भी जनहित में अपने अधिकार क्षेत्र में लाने की स्वीकृति प्रदान की। स्कूल में काम करने वाले एकमात्र कर्मचारी को स्कूल शिक्षा विभाग में एक रिक्ति के विरुद्ध नियमित किया जाएगा।

कैबिनेट ने आवासीय और शहरी विकास विभाग की पूर्व अनुमति के बिना शैक्षिक, चिकित्सा, वाणिज्यिक, फार्म हाउस, धार्मिक, सामाजिक, धर्मार्थ संस्थानों, नगरपालिका सीमाओं के बाहर, शहरी सम्पदा और औद्योगिक केंद्र बिंदुओं जैसे भवनों के निर्माण को भी मंजूरी दी। नियमितीकरण शुल्क वसूल करके स्कूलों को भी नियमित करने का भी निर्णय लिया गया है। आवश्यक शुल्क का भुगतान करके 31 दिसंबर, 2022 तक आवेदन जमा किया जा सकता है। अन्य महत्वपूर्ण फैसले ग्राम झोरा, लुधियाना में नवनिर्मित अस्पताल श्री चमकौर साहिब एवं एसबीएस नगर में अपग्रेडेड सब डिविजनल अस्पताल के लिए 76 नए पद सृजित करने की स्वीकृति दे दी गई है।

आंगनबाड़ी वर्करों घेरा पंजाब भवन, अंदर चल रही थी कैबिनेट बैठक, पुलिस ने किया गिरफ्तार

आंगनबाड़ी वर्करों ने पुलिस प्रशासन को चकमा देते हुए वीरवार को पंजाब भवन का घेराव किया। घेराव भी उस समय किया जब पंजाब भवन के अंदर कैबिनेट बैठक चल रही थी। आंगनबाड़ी के वर्करों ने सैकड़ों की संख्या में पंजाब भवन के गेट पर धरना दे दिया। आंगनबाड़ी वर्कर लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। उनकी मांग है कि हरियाणा की तर्ज पर पंजाब में भी उनका वेतनमान दिया जाए। वहीं, 3 से 6 साल के बच्चें जो प्री-नर्सरी क्लास में डाले गए है, वह उन्हें वापस किया जाए।

आंगनबाड़ी वर्कर अपनी मांगों को लेकर कई बार अलग-अलग मंत्रियों से मिल चुके हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुुआ, जिसे लेकर उन्होंने वीरवार को पंजाब भवन के बाहर धरना दे दिया। इस बात की जानकारी प्रशासन को भी नहीं थी। वर्कर अलग-अलग मार्गों से होते हुए पंजाब भवन के बाहर एकत्रित हुए। बाद में चंडीगढ़ पुलिस ने आंगनबाड़ी वर्करों को घसीट-घसीट पर बसों में डाला। इस दौरान पुलिस को हलका बल प्रयोग भी करना पड़ा। वर्करों ने इस दौरान जम कर पंजाब सरकार और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ नारेबाजी की।


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