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चंडीगढ़ में Electric Buses चलाने के लिए सात कंपनियां आईं आगे, अलग डिपो में रखी जाएंगी बसें

चुनाव से पहले यूटी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने शहर में 40 इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए टेंडर जारी किया था। इस टेंडर के बाद सात कंपनियों ने शहर में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की इच्छा जताई है।

By Sat PaulEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 03:29 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 03:29 PM (IST)
चंडीगढ़ में Electric Buses चलाने के लिए सात कंपनियां आईं आगे, अलग डिपो में रखी जाएंगी बसें
चंडीगढ़ में Electric Buses चलाने के लिए सात कंपनियां आईं आगे, अलग डिपो में रखी जाएंगी बसें

जेएनएन, चंडीगढ़। चुनाव से पहले यूटी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने शहर में 40 इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए टेंडर जारी किया था। इस टेंडर के बाद सात कंपनियों ने शहर में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की इच्छा जताई है। इनमें एक दो बड़ी नामी कंपनी भी हैं। अब ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट तकनीकी आधार पर इनके आवेदन को परखने के बाद योग्य कंपनी को इसके लिए चुनेगा। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट इन बसों को खुद न चलाकर कंपनी से ही चलवाएगा। इसके लिए एक सोसायटी का गठन किया जाएगा। यह सोसायटी ही इन बसों के ऑपरेशन से लेकर मेंटेनेंस तक का पूरा काम देखेेगी। तकनीकी कसौटी पर कसने के बाद जो कंपनी प्रति किलोमीटर सबसे कम खर्च में बस चलाना चाहेगी, उसे ही यह कार्य सौंपा जाएगा। दरअसल यह बसें सामान्य बसों से कई गुना महंगी हैं। इसको देखते हुए चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग ने बसों को सीधे तौर पर खुद खरीदने की बजाए सोसायटी बनाने का फैसला लिया है। जिसके तहत कंपनी को प्रति किलोमीटर के हिसाब तय रेट ही दिया जाएगा। सीटीयू सिर्फ रेवेन्यू का काम देखेगी। यानी टिकट का पैसा लेने के लिए बस में सीटीयू का केवल कंडक्टर होगा, जबकि ड्राइवर संबंधित सोसायटी का ही होगा। इसके अलावा मेंटेनेंस वर्क भी यह सोसायटी ही देखेगी।

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ट्रायल में मिला अच्छा परिणाम

सीटीयू ने 2017 में दो अलग-अलग कंपनी की इलेक्ट्रिक बसों का ट्रायल लिया था। ट्रायल में इन दोनों की बसों का रिजल्ट काफी बेहतर रहा था। माइलेज भी इन बसों की पहले से चल रही डीजल बसों से कहीं ज्यादा है। साथ ही इनका सबसे बड़ा फायदा पर्यावरण के संबंध में भी है। इन बसों के चलने पर जीरो कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। जिस कारण वायु प्रदूषण होने से बचता है। जबकि डीजल बसें प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। यह ट्रायल सीटीयू ने बसों पर पूरा लोड डालकर किया था।

क्लीन फ्यूल वाली होगी एक डिपो

अगर सब कुछ प्रशासन के अनुसार रहा और कोई कंपनी इलेक्ट्रिक बसें चलाने को फाइनल हो गई तो सीटीयू इन बसों को पहली से अलग रखेगा। एक नई डिपो इस सोसायटी को दी जाएगी। यह डिपो क्लीन फ्यूल यानी इलेक्ट्रिक और सीएनजी से चलने वाली बसों के लिए ही होगी ।सीटीयू के पास नई डिपो के लिए रायपुर कलां गांव में कई एकड़ जमीन चिन्हित है। इसी जमीन पर क्लीन फ्यूल डिपो बनाई जाएगी ।अभी सीटीयू की तीन डिपो हैं। जिनमें दो डिपो इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 और एक डिपो सेक्टर-25 में है।

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