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सड़कों पर लगेगा सेंसर, ट्रैफिक में एंबुलेंस के लिए सिग्नल हो जाएगा तुरंत ग्रीन

पेक में सेंसर आधारित सड़क प्रणाली पर काम शुरू हो गया है। स्मार्ट सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर, यूजर फ्रेंडली रोड और बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था के तहत ही इस पर काम किया जा रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 26 Jul 2018 12:18 PM (IST)Updated: Sat, 28 Jul 2018 08:47 PM (IST)
सड़कों पर लगेगा सेंसर, ट्रैफिक में एंबुलेंस के लिए सिग्नल हो जाएगा तुरंत ग्रीन
सड़कों पर लगेगा सेंसर, ट्रैफिक में एंबुलेंस के लिए सिग्नल हो जाएगा तुरंत ग्रीन

चंडीगढ़ [डॉ. रविंद्र मलिक]।  अगर कोई वाहन ओवरलोडेड है या मरीज को लेकर जा रही एंबुलेंस वाहनों की लंबी लाइन में फंस गई है तो पुलिस को तुरंत उसका पता चल जाएगा। एंबुलेंस के लिए सिग्नल तुरंत ग्रीन हो जाएगा और नियमों को तोड़ने वाले ओवरलोडेड वाहनों का चालान। इसके लिए जल्द ही चंडीगढ़ की सड़कों पर सेंसर लगाए जा सकते हैं।

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इस तकनीक पर पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पेक) ने काम शुरू कर दिया है। इस तकनीक के अनुसार सेंसर जमीन के नीचे लगाए जाएंगे, जो खड़े व्हीकल के बोझ और वाहनों की लंबी लाइन के बारे में पूरी जानकारी देंगे। जरूरत के हिसाब से सेंसर सक्रिय भी हो जाएगा और सड़क पर मौजूद ट्रैफिक की पूरी जानकारी देगा। इसके अलावा सेंसर रेड सिग्नल को ग्रीन सिग्नल को तुरंत बदलने में सक्षम होंगे।

ट्रैफिक को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी

चंडीगढ़ में ट्रैफिक लगातार बढ़ रहा है। सेंसर तकनीक से काफी मदद मिलेगी। जहां ज्यादा ट्रैफिक होगा वहां जाम की समस्या से मदद मिलेगी। सेंसर जहां लगा है और वहां पर ट्रैफिक की लाइन लंबी है तो तुरंत सिग्नल ग्रीन हो जाएगा।

न सड़क डैमेज होगी न हादसे होंगे

सेंसर आधारित इस तकनीक से कई तरह के फायदे होंगे। एक्सीडेंट्स को रोकने में काफी हद तक मदद मिलेगी। ओवरलोडेड व्हीकल पर लगाम लगने से एक्सीडेंट्स कम होंगे, क्योंकि अगर किसी वाहन में जरूरत से ज्यादा सामान लोड किया गया है तो एक्सीडेंट के चांस सामान्य से 16 गुणा तक बढ़ जाते हैं।

बर्फीले इलाकों में बेहद कारगर तकनीक

लेह लद्दाख जैसे बर्फीले इलाकों में बर्फ गिरने से सड़क मार्ग अवरूद्ध हो जाता है। बर्फबारी से जाम लग जाते हैं, लेकिन सेंसर की मदद से सड़क का तापमान बढ़ाया जा सकेगा। इसके चलते सड़क पर बर्फ जमा ही नहीं हो पाएगी। ज्यादा तापमान इसको वहां जमने नहीं देगा। उससे वाहनों को कई कई दिन लंबी लाइनों में इंतजार नहीं करना पड़ेगा ।

डाटा मेंटेन कर भविष्य की रणनीति बनेगी

इस प्रणाली से किसी भी शहर के ट्रैफिक का डाटा मैनेज किया जा सकेगा। जहां-जहां जहां सेंसर लगाया जाएगा, वहां के ट्रैफिक की जानकारी संबंधित विभाग के पास होगी। इसके बाद ट्रैफिक मैनेजमेंट में भी सुविधा होगी। इसके आधार पर भविष्य की रणनीति तय की जाएगी।

सेंसर आधारित सड़क प्रणाली पर काम शुरू

पेक के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. प्रदीप कुमार का कहना है कि पेक में सेंसर आधारित सड़क प्रणाली पर काम शुरू हो गया है। स्मार्ट सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर, यूजर फ्रेंडली रोड और बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था के तहत ही इस पर काम किया जा रहा है।

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