पत्नी की Jewelery बेच बेटे के लिए खरीदी बाइक, अब बनाया Supercross track
बेटे के शौक को पूरा करने के लिए पिता ने पत्नी के गहने बेचकर उसके लिए सात लाख की बाइक खरीदी और अब सुपरक्रास ट्रैक बनाया है।
चंडीगढ़ [विकास शर्मा]। गवर्नमेंट हाई स्कूल सारंगपुर के स्पोर्ट्स टीचर जतिंद्र पाल सिंह ने बेटे को जिमनास्ट बनाने की कोचिंग दिलानी शुरू की, लेकिन कुछ दिन बाद बेटे पृथ्वी ने जिमनास्टिक सीखने से मना कर दिया। पृथ्वी अपने चाचा जेपी की तरह मोटरक्रास में भविष्य बनाना चाहता था। शुरुआत में हमने टालने की कोशिश की, लेकिन मेरी पत्नी हॉकी कोच कुसुम ने कहा कि हमें पृथ्वी को प्रोत्साहित करना चाहिए।
पृथ्वी के शौक को पूरा करने के लिए पहले मैंने पत्नी के गहने बेचकर उसके लिए सात लाख की बाइक खरीदी और अब सुपरक्रास ट्रैक बनाया है। जयंती देवी के पास शिंंगरीवाला गांव में 500 मीटर यह सुपरक्रास ट्रैक ट्राईसिटी का यह पहला स्थाई ट्रेक है, इसमें इंटरनेशनल लेबल के जंप रखे गए हैं और बाइकर्स को स्टंट ट्रेनिंग के लिए बकायदा बेंगलुरु से कोच प्रमोद जोश्वा को हायर किया है। जतिंद्र ने बताया कि युवा रोमांच के शौकीन होते हैं, ऐसे में मेरी उनसे गुजारिश है कि सड़क पर स्टंट न करें, सुपरक्रास ट्रैक पर आएं रेस का मजा लें।
बाइकर्स के रोमांच को देखकर आता है मजा
पंजाब रेसिंग स्टोर खरड़ के मालिक इंजीनियर अमरिंदर सिंह ने बताया कि जब वह युवा थे तो उन्हें बाइक रेसिंग में काफी मजा आता था। अपने इसी पैशन को उन्होंने अपना प्रोफेशन बना लिया और अब इन युवाओं के लिए रेसर बाइक तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि अभी शुरुआत है आने वाले सालों में युवा इस खेल के प्रति और आर्कषित होंगे।
पृथ्वी सिंह साइकिल पर स्टंट करने किए थे शुरू
पंजाब यूनिवर्सिटी से कोरसपोडेंट बीए फस्र्ट की पढ़ाई करने वाले पृथ्वी सिंह बताते हैं, शुरुआत में उन्होंने साइकिल पर स्टंट करने शुरू किए थे, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती गई क्रेज बढ़ता गया। दिल्ली के राइडर को देखा तो ठान लिया कि मुझे भी ऐसा ही बनाना है। मेरे चाचा जीवन जीत सिंह और पिता जतिंद्र सिंह ने मोटिवेट किया और अब मैं कुछ बेहतर कर रहा हूं। इसी साल बेंगलुरु में आयोजित हुई सुपरक्रास नेशनल चैंपियनशिप में मैं तीसरे स्थान पर था।
बाइकिंग मेरा पैशन
मनाली के मोहित ठाकुर ने बताया कि जयपुर में आयोजित नेशनल राउंड बाइक मोटरक्रास देखने गया था। इसके बाद मेरा दिल किसी दूसरे काम में नहीं लगा। अभी मैं ग्रेजुएशन कर चुका हूं और दिन रात बाइकिंग के बारे में सोचता हूं। मोहित ने बताया कि मुङो भविष्य का तो पता नहीं, लेकिन इतना पता है कि मैं अब इस रोमांच के बिना जी नहीं सकता।
सुपरक्रास ट्रैक बनने से होगा बाइकर्स को फायदा : शिवम
मणिकर्ण के गांव बरशैणी के रहने वाले शिवम ठाकुर डीएवी सेकेंड ईयर में पढ़ते हैं। शिवम ठाकुर ने बताया कि बचपन से ही मैं रोमांच का शौकीन था, लेकिन मुङो बाइक रेसिंग का शौक कुल्लू में आयोजित हिमालयन एक्सट्रीम राइड को देखकर लगा। इसके बाद मेरी मुलाकात मोहित ठाकुर से हुई। धीरे-धीरे इस खेल से जुड़े लोगों से मिलता गया और आज हमारी एक अपनी टीम बन गई है, जोकि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती हैं।
नेशनल चैंपियन बनना है सपना
चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी के रहने वाले विकास ठाकुर बताते है कि वह साल 2015 में बीसीए करने चंडीगढ़ आए थे, तभी वह मोटरक्रास रेसिंग करने वाले जेपी से मिले, धीरे-धीरे उनकी बाइकिंग में रूचि बनी और अब वह सुपरक्रास रेसिंग के नेशनल चैंपियन बनाना चाहते हैं।
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