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रेलवे डॉकयार्ड पर खड़े 200 रेल कोच की सुरक्षा बनी RPF के लिए सिरदर्द

डॉकयार्ड से पहले भी चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है और ऐसे में पूरे 200 ट्रेन कोच की सुरक्षा करना आरपीएफ जवानों के लिए भी नामुमकिन बन रहा है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2020 02:26 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 02:26 PM (IST)
रेलवे डॉकयार्ड पर खड़े 200 रेल कोच की सुरक्षा बनी RPF के लिए सिरदर्द
रेलवे डॉकयार्ड पर खड़े 200 रेल कोच की सुरक्षा बनी RPF के लिए सिरदर्द

चंडीगढ़ [वैभव शर्मा]। कोरोना वायरस की वजह से लगे लाॅकडाउन में सभी तरह का यातायात बंद कर दिया गया था। हालांकि अनलॉक-1 में मिली छूट के बाद यातायात साधनों की बहाली तो हुई थी, लेकिन वह अभी भी न के बराबर है। लॉकडाउन लगने के बाद से ही चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से चलने वाली 57 ट्रेनों में से केवल दो को ही चलाया गया। उसके अलावा करीब 200 ट्रेन कोच स्टेशन के डॉकयार्ड पर खड़े हैं। इन ट्रेन कोचों की सुरक्षा आरपीएफ के लिए सिरदर्द बन गई है।

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दरअसल डॉकयार्ड से पहले भी चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है और ऐसे में पूरे 200 ट्रेन कोच की सुरक्षा करना आरपीएफ जवानों के लिए भी नामुमकिन बन रहा है। रेलवे डॉकयार्ड स्टेशन के सबसे संवेदनशील इलाकों में आता है। दिन में तो यार्ड की सुरक्षा करना आसान होता है, लेकिन रात के समय यह समस्या बढ़ जाती है। इसे लेकर स्टेशन सुपरिटेंडेंट अनिल अग्रवाल भी अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं।

कोच में से बैटरियां चोरी होने का है डर

डॉकयार्ड पर जो 220 ट्रेन कोच खड़े हैं, उनमें बहुत महंगी बैटरियां लगी हुई है। सूत्रों के अनुसार एक रेलवे कोच में तकरीबन चार से पांच बैटरी लगी होती है। जिनकी कीमत 50 हजार से शुरू होकर एक लाख रुपये तक होती है। इसलिए स्टेशन विभाग को कोच में से बैटरी चोरी होने का डर सता रहा है।

चारों तरफ से खुला है यार्ड

रेलवे डॉक यार्ड स्टेशन से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है। डॉक यार्ड चारों तरफ से खुला है, जिसकी वजह से खतरा 24 घंटे मंडराता रहता है। चारों तरफ से यार्ड खुले होने की वजह से आरपीएफ के लिए उसकी सुरक्षा करना मुश्किल हो रहा है।

84 दिनों से रेलवे स्टेशन पर खड़े है रेल कोच

डॉक यार्ड पर यह 200 कोच करीबन 84 दिनों से खड़े हैं। इससे पहले भी 12 बार ट्रेन कोच में से बैटरी चोरी होने की घटना हो चुकी है। जिस वजह से स्टेशन विभाग की नींद उड़ी हुई है। लॉक डाउन की अवधि में भी डॉकयार्ड में कई बार चोरों ने चोरी की घटना को अंजाम देने की कोशिश की है।

असामाजिक तत्वों का बना हुआ है अड्डा

सूत्रों के अनुसार डॉकयार्ड असामाजिक तत्वों का अड्डा बना हुआ है। यहां से कई बार मौली जागरा, विकास नगर और दरिया गांव के कई नशेड़ी लोगों को नशा करते हुए पकड़ा गया है। उसके अलावा यार्ड से ही कई चोरों को रेलवे ट्रैक से लोहे की चोरी करते हुए भी पकड़ा है।


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