सेक्टर-48 के नए हॉस्पिटल में उद्घाटन के बाद भी लटक रहा ताला
चंडीगढ़ के लोगों को बेहतर मेडिकल फैसिलिटी देने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करके सेक्टर-4
वीणा तिवारी, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ के लोगों को बेहतर मेडिकल फैसिलिटी देने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करके सेक्टर-48 में नया हॉस्पिटल तो बनवा दिया गया, लेकिन अब भी उसके दरवाजे पर ताला लटक रहा है। उद्घाटन के दो महीने गुजरने के बाद भी वहां की स्थिति जस की तस है। ओपीडी, वार्ड और अन्य यूनिट में धूल की मोटी परत लग चुकी है। लेकिन उसका दरवाजा एक बार भी नहीं खुला। अस्पताल को इंतजार है डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ का, जिसके बिना सुविधा बहाल करना संभव नहीं। लेकिन आचार संहिता के कारण पूरी प्रक्रिया रूकी पड़ी है। सारी योजनाएं धरी की धरी रह गई 100 बेड के इस अस्पताल का निर्माण पूरा होने के बाद आचार संहिता के डर से आनन-फानन में तीन मार्च को उद्घाटन कर दिया गया। लेकिन जिस डर से उद्घाटन हुआ वह स्थिति अब भी वैसे ही है। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर और किरण खेर ने उसका उद्घाटन किया था तब यह उम्मीद लगाई गई थी कि इसका संचालन जीएमसीएच-32 और पीजीआइ की मदद से होगा। वहां दोनों संस्थानों से अलग-अलग शिफ्ट में विशेषज्ञ डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने की भी योजना बनाई गई थी, लेकिन यह योजना भी बैठकों और फाइलों तक ही सीमित रह गई। अप्रैल से शुरू होनी थी ओपीडी तीन मार्च को उद्घाटन करने के साथ ही एक अप्रैल से इस अस्पताल को फुल फ्लेज चलाने का दावा किया गया था। स्थानीय प्रशासन ने स्वास्थ्य मंत्रालय को इसके लिए 83 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की डिमांड भी भेजी थी। लेकिन विशेषज्ञों की तैनाती तो छोड़िए पीजीआइ और जीएमसीएस-32 से उधारी के डॉक्टर भी नहीं मिले। तो क्या बिना कार्ययोजना के बना दी बिल्डिग यूटी हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से बनाए गए इस हॉस्पिटल के निर्माण पर सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि किसी भी हॉस्पिटल का प्रस्ताव बनाते समय उसके निर्माण से संचालन तक की पूरी कार्ययोजना तैयार की जाती है। लेकिन सेक्टर-48 के हॉस्पिटल को देखकर ऐसा लगता है जैसे जल्दबाजी में इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति दे दी गई है। जब उस हॉस्पिटल को चलाने के लिए मैन पावर नहीं मिली तो उसका उद्घाटन करने का क्या मतलब है। हॉस्पिटल के संचालन की प्रक्रिया आचार संहिता के कारण बाधित हो रही है। उद्घाटन के बाद वहां ओपीडी शुरू करने का प्रयास किया गया था लेकिन डॉक्टरों की उपलब्धता न होने के कारण सुविधा बहाल न हो सकी। फिलहाल आचार संहिता तक इसमें कुछ नहीं किया जा सकता। जी दीवान, डायरेक्टर हेल्थ