शिअद का आरोप, गर्मख्याली दादूवाल के साथ मिलकर बनाई रिपोर्ट, कैप्टन बोले- जांच करा लो
-फ्लैग: बेअदबी पर जस्टिस रणजीत आयोग की रिपोर्ट सदन में पेश, शिअद का वॉकआउट --- -अकाली
-फ्लैग: बेअदबी पर जस्टिस रणजीत आयोग की रिपोर्ट सदन में पेश, शिअद का वॉकआउट
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-अकाली विधायकों ने की जमकर नारेबाजी, रिपोर्ट को नकारा
-सीएम ने कहा, आरोप सिद्ध न हुआ तो सुखबीर को माफी मांगनी होगी
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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: प्रदेश में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की बहुप्रतीक्षित जांच रिपोर्ट सोमवार को विधानसभा में पेश कर दी गई। इसे लेकर सदन में खूब हंगामा हुआ। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने इसके विरोध में वॉकआउट कर दिया। शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की इस रिपोर्ट को नकारते हुए कहा कि ये गर्मख्याली नेता बलजीत सिंह दादूवाल जैसे लोगों के साथ बैठकर तैयार की गई है।
उन्होंने विधानसभा में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनौती देते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं है, तो सीएम बताएं कि रविवार रात को दादूवाल मुख्यमंत्री आवास पर क्या करने आए थे? कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा कि सीएम के आवास में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। यदि स्पीकर चाहें, तो इस बात की जांच करवा ली जाए। अगर यह सिद्ध न हुआ तो सुखबीर को माफी मांगनी होगी।
इससे पहले कैबिनेट ने इस रिपोर्ट को एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ मंजूर करते हुए सदन में पेश करने की सहमति दी। जैसे ही रिपोर्ट को पेश करने के लिए संसदीय कार्यमंत्री ब्रहम मोहिंदरा ने प्रस्ताव पेश किया, अकाली दल के विधायक सदन से बाहर चले गए। बाद में जब वे फिर से सदन में लौटे, तो सुखबीर बादल ने आरोप लगाया कि गर्मख्याली नेता बलजीत सिंह दादूवाल, ध्यान सिंह मंड और सुखपाल खैहरा जैसे लोगों की मदद से जस्टिस रणजीत सिंह ने यह रिपोर्ट तैयार की है। जत्थेदार किसकी गाड़ी में सीएमओ आते थे: चीमा
शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने सदन में नारेबाजी भी की। कांग्रेस विधायक नवतेज सिंह चीमा ने सुखबीर बादल से पूछा कि तख्त श्री दमदमा साहिब के तत्कालीन जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में किसकी गाड़ी से आते रहे हैं। सिद्धू की सुखबीर को बहस की चुनौती
इससे पहले कि सुखबीर बादल चीमा के सवाल का जवाब देते, कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू बीच में कूद पड़े। उनकी सुखबीर बादल के साथ तीखे शब्दों में बहस हुई। सिद्धू ने सुखबीर को चुनौती दी कि वे मंगलवार को रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर होने वाली बहस में हिस्सा लें। दोनों ओर से हंगामा मचते देखकर स्पीकर राणा केपी सिंह ने सदन को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया। स्पीकर ने पढ़ाया शिष्टाचार का पाठ
सदन में विधायकों ने संसदीय शिष्टाचार का खूब उल्लंघन किया। अकाली दल के परमिंदर सिंह ढींडसा ने नवजोत सिंह सिद्धू को सुखबीर बादल के प्रति बरती भद्दी शब्दावली पर माफी मांगने के लिए कहा। इस पर सुखपाल खैहरा ने तंज कसते हुए कहा कि आज ये सिद्धू को माफी मांगने के लिए कह रहे हैं, लेकिन इन्होंने जस्टिस रणजीत सिंह के प्रति किस तरह की शब्दावली का प्रयोग किया है? मौका देखकर ब्रहम मोहिंदरा भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि सुखपाल खैहरा ने भी मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी को चपरासी कहा था। इस पर स्पीकर ने सभी विधायकों से कहा कि ऐसे शब्द न बोलें, जो स्वीकार योग्य नहीं होते।