स्कूलों ने किए स्टूडेंट्स के लिए स्पेशल इंतजाम, क्लास रूम से शुरू हुई आफलाइन के साथ आनलाइन क्लासें
शहर के कुछ स्कूलों में अब ट्राइपोट और मोबाइल पहुंच चुके हैं। जहां पर टीचर्स क्लास रूम में आ रहे स्टूडेंट्स को आफलाइन पढ़ाने के साथ-साथ आनलाइन क्लास को भी पढ़ाने लगे हैं। यह शुरूआत शहर के गवर्नमेंट माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल धनास से हुई है।
चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। क्लास रूम में आफलाइन और घर बैठे स्टूडेंट्स की आनलाइन क्लासें भी हो सके। इसके लिए शहर के कुछ सरकारी स्कूलों ने अहम पहल की है। शहर के कुछ स्कूलों में अब ट्राइपोट और मोबाइल पहुंच चुके हैं। जहां पर टीचर्स क्लास रूम में आ रहे स्टूडेंट्स को आफलाइन पढ़ाने के साथ-साथ आनलाइन क्लास को भी पढ़ाने लगे हैं। यह शुरूआत शहर के गवर्नमेंट माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल धनास से हुई है। जहां पर टीचर्स ने खुद के खर्च से ट्राइपोट खरीदे है और उसके साथ मोबाइल को लगाकर पढ़ाई करा रहे है।
टीचर्स का काम करने की दिशा में प्रयास
स्कूल प्रिंसिपल सीमा रानी ने बताया कि स्कूलों में स्टूडेंट्स 50 फीसद तक आ रहे है। ऐसे में टीचर्स को पहले आफलाइन और उसके बाद आनलाइन पढ़ाई करानी पड़ रही थी। जिसके चलते टीचर्स का काम दोगुणा हो गया था। ऐसे में टीचर्स ने आपस में ही सलाह की और ट्राइपोट खरीदे हैं जिन पर वह क्लासें ले रहे हैं। अभी दो से तीन क्लास रूम में ही इस तरह की व्यवस्था हुई है जो कि आने वाले दिनों में बढ़ा दी जाएगी। प्रिंसिपल सीमा ने बताया कि बहुत से टीचर्स को ट्राइपोट के साथ काम करने में दिक्कत आ रही है क्योंकि उन्हें वह चीजें चलानी नहीं आती। ऐसे में उन टीचर्स को अभी ट्रेनिंग देनी भी शुरू की है।
स्मार्ट क्लास रूम के साथ आधुनिकता की जरूरत
स्कूल में पढ़ाने वाले टीचर्स के अनुसार स्मार्ट क्लास रूम स्कूलों में है लेकिन उसके साथ कुछ अतिरिक्त करने की जरूरत है जिसे करने का प्रयास किया जा रहा है। दसवीं और बारहवीं कक्षा का स्लेबस पूरा नहीं हुआ है और दिसंबर में उनके एग्जाम में लेने है तो ऐसे में जरूरी है कि हम ज्यादा से ज्यादा स्लेबस स्टूडेंट्स को कवर करा सके।