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चंडीगढ़ में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच छह महीने बाद खुले स्कूल, थर्मल स्कैनिंग के बाद दी गई एंट्री

चंडीगढ़ में केंद्र के निर्देश के बाद स्कूल खोल दिए गए हैं। सोमवार को क्लास रूम में फिजिकल डिस्टेंसिंग का सबसे ज्यादा ध्यान रखा गया। एक क्लास रूम में केवल पांच से छह स्टूडेंट्स को ही बैठाया गया।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 03:58 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 03:58 PM (IST)
चंडीगढ़ में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच छह महीने बाद खुले स्कूल, थर्मल स्कैनिंग के बाद दी गई एंट्री
चंडीगढ़ में लंबे समय के बाद स्कूल खुले लेकिन स्टूडेंट्स नाम मात्र ही आए।

चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। कोरोना वायरस की दस्तक के बाद से सोमवार को कोरोना के बढ़ते केस के बीच स्कूलों को खोला गया। लगभग छह माह बाद खुले स्कूलों का माहौल बच्चों को बिल्कुल बदला हुआ मिला। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश के बाद स्कूलों को ओपन किया गया। इस बीच स्कूलों में कोरोना वायरस से किए गए बचाव का जायजा लेने के लिए शिक्षा सचिव सरप्रीत सिंह गिल ने स्वयं मोर्चा संभाला। सुबह नौ बजे वह गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल-15 में कोरोना से बचने के बंदोबस्त का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने स्कूल के मुख्य गेट से लेकर हर क्लास रूम चेक किया।

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स्कूल खुलने पर सुबह से ही स्कूलों के गेट पर बच्चों की थर्मल चेकिंग का बंदोबस्त किया गया था। इसके बाद उन्हें क्लास रूम में एंट्री दी गई।

स्कूलों में देखा गया मिला जुला असर

लंबे समय बाद खुले स्कूलों में स्टूडेंट्स नाम मात्र ही आए थे। कई स्कूलों में सुबह से टीचर्स स्टूडेंट्स का इंतजार करते दिखे लेकिन इन स्कूलों में एक भी स्टूडेंट्स नहीं आया। कई स्कूलों में बैच के अनुसार स्टूडेंट्स आए। हर बैच में दस से 15 स्टूडेंट्स शामिल थे।

क्लास रूम में बैठे पांच से छह स्टूडेंट्स

क्लास रूम में फिजिकल डिस्टेंसिंग का सबसे ज्यादा ध्यान रखा गया। एक क्लास रूम में केवल पांच से छह स्टूडेंट्स को ही बैठाया गया था। इस दौरान स्टूडेंट्स में करीब चार फीट की दूरी रखी गई थी और दो बैंच छोड़ कर स्टूडेंट्स को बैठाया गया था। हालांकि इन सबके बीच स्टूडेंट्स ने पुराने दोस्तों के जम कर मजाक और मस्ती की।

स्कूल परीसर के एंट्री पर ही चिपकाई गई कोरोना से जुड़ी गाइडलाइंस

शहर के स्कूलों में कोरोना से जुड़ी गाइडलाइंस और चेतावनी, दोनों ही स्कूल परिसर में एंट्री करते हुए दीवारों पर चिपकाई गई हैं। ताकि स्टूडेंट्स जब भी स्कूल में एंट्री करें तो उनकी नजरें इन पर आसानी से पड़ जाए और वह सभी नियमों को पालन करें।

कई प्राईवेट स्कूलों में अक्टूबर माह से आएंगे स्टूडेंट्स

जहां एक ओर शहर के अधिकतर सरकारी स्कूल खुले थे, वहीं प्राइवेट स्कूलों में मिला जुला असर देखने को मिला। कई प्राइवेट खुले थे तो कईयों का कहना था कि वह स्कूल अक्टूबर माह में ओपन करेंगे। प्राइवेट स्कूल संचालकों का कहना था कि अभी उनके इंटरनल एग्जाम चल रहे है और 30 सितंबर तक 12वीं बोर्ड परीक्षा में आए कंपार्टमेंट के पेपर भी है, ऐसे में स्टूडेंट्स को स्कूल बुलाकर खतरा नहीं उठाना चाहते।

जिन पेरेंट्स ने भरी हामी, उन्हीं के बच्चों को बुलाया गया स्कूल

सेक्टर-40 स्थित शारदा हितकारी स्कूल में उन्हीं स्टूडेंट्स को बुलाया गया था जिनके पेरेंट्स ने स्कूल खोलने के लिए हामी भरी थी। उसके अलावा जिन पेरेंट्स से मना किया था उनको स्कूल में नहीं बुलाया गया और ऑनलाइन पढ़ाई ही करवाई गई। स्कूल में केवल 20 फीसद पेरेंट्स ने स्कूल खोलने को हां कहा था।

ये हैं शिक्षा विभाग की गाइडलाइंस

50 फीसद टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टॉफ को स्कूल बुलाया जाए, स्वच्छता और सैनिटाइजेशन का खास ध्यान, मनो-सामाजिक कल्याण, स्कूल के प्रिंसिपल्स और हेड को एंट्री प्वाइंट पर थर्मल स्कैनिंग की जांच की जिम्मेवारी, फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान, फेस कवर, निरंतर हाथ धोने का प्रावधान स्कूल में हो, स्कूल को सैनिटाइज करना।

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