ट्राईसिटी में ऑटो और कैब के लिए होगा एक ही टैक्स, जानें क्या है याेजना Chandigarh News
ट्राईसिटी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की समस्या को देखते हुए अब यूनिफार्म पॉलिसी बनाई जा रही है। जिसके तहत तीनों शहरों का टैक्स एक ही होगा।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली तीनों जगह ऑटो कैब के लिए एंट्री टैक्स अलग-अलग है। चंडीगढ़ का एंट्री टैक्स सबसे कम है, जबकि पंचकूला और मोहाली का इससे अधिक है। बावजूद इसके ऑटो और कैब चालक एंट्री टैक्स नहीं देते। चंडीगढ़ में चलने वाली अधिकतर कैब और ऑटो पंचकूला मोहाली से पंजीकृत है। लेकिन चलते चंडीगढ़ में ही हैं।
ट्राईसिटी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की समस्या को देखते हुए अब यूनिफार्म पॉलिसी बनाई जा रही है। जिसके तहत तीनों शहरों का टैक्स एक ही होगा। ऐसा होने से ड्राइवर को किसी तरह का संशय भी नहीं रहेगा। इसके लिए चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी पंजाब और हरियाणा के ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी के साथ मीटिंग करेंगे। तीनों सेक्रेटरी मिलकर एक कॉमन टैक्स रेट निर्धारित करेंगे।
इससे कैब और ऑटो चालकों को तीनों जगह एक ही टैक्स देना होगा। चंडीगढ़ में पंचकूला और मोहाली से हजारों लोगों को आना जाना रहता है। ऑटो कैब ट्राईसिटी में चलते हैं। लेकिन यह टैक्स नहीं देते जिस वजह से अब चंडीगढ़ ने पंजाब और हरियाणा के ऐसे ऑटो और कैब पर रोक लगा रखी है। इनके खूब चालान हो रहे हैं। जिसके बाद से कैब और ऑटो चालक हड़ताल भी कर रहे हैं।
ग्रीन बेल्ट पर मल्टी-लेवल पार्किंग के निर्माण के लिए ले-आउट प्लान तैयार
हाई कोर्ट म्यूजियम के सामने की ग्रीन बेल्ट पर मल्टी-लेवल पार्किंग के निर्माण के लिए प्रशासन ने ले-आउट प्लान तैयार कर लिया है। चंडीगढ़ प्रशासन ने इस प्लान को हाई कोर्ट की बिलिंडग कमेटी को सौंप दिया है। इस जगह पर अभी कच्ची पार्किंग बनाई गई है।
सोमवार को चंडीगढ़ प्रशासन ने हाई कोर्ट को बताया कि 20 दिसंबर को यहां की पार्किंग का ले-आउट प्लान तैयार कर सौंपे जाने के जो आदेश दिए थे। इस पर यह प्लान सौंप दिया गया है। अब उस पर हाई कोर्ट की बिलिंडग कमेटी गौर कर आगे निर्णय ले सकती है।
हाई कोर्ट ने लगाई थी फटकार
हाई कोर्ट म्यूजियम के सामने की ग्रीन बेल्ट को हेरिटेज घोषित किए जाने पर हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ के चीफ आर्किटेक्ट को फटकार लगाते हुए कहा था कि ग्रीन बेल्ट कैसे वर्ड हेरिटेज साइट हो गई, अगर यहां मल्टी-लेवल पार्किंग नहीं बनाई जा सकती तो यहां बना टूरिस्ट इन्फॉर्मेशन केंद्र कैसे बना दिया गया। इसे क्यों नहीं गिराया गया।
इस पर चीफ आर्किटेक्ट ने कहा था कि यह मास्टर प्लान का हिस्सा है, तो हाई कोर्ट ने कहा था कि यह कोई संविधान का मूल ढांचा नहीं है। जिसमें संशोधन नहीं किया जा सकता। लिहाजा हाई कोर्ट ने चीफ आर्किटेक्ट को यहां मल्टी-लेवल पार्किंग का ले-आउट प्लान बना चार सप्ताह में हाई कोर्ट में पेश किए जाने के आदेश दे दिए थे।