चंडीगढ़ की डॉ. सीरत को सलाम! एक साल से Covid ICU Ward ड्यूटी कर निभा रहीं फर्ज, संक्रमण से खुद को बचाया
मरीज के लिए भगवान का दूसरा रूप डॉक्टर होते हैं। लेकिन वे डॉक्टर भी आखिरकार इंसान ही होते हैं। ऐसे में चंडीगढ़ की एक महिला डॉ. सीरत जो बीते एक साल से कोविड आइसीयू वार्ड में गंभीर मरीजों का इलाज कर अपना फर्ज निभा रही हैं।
चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। कोरोना एक महामारी है लेकिन इसके संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी है कि हमारी दिनचर्या बेहतर हो। संक्रमण से बचाव के लिए बेहतर खान-पान और लाइफ स्टाइल काे चुनें। यह कहना है गवर्नमेंट मेडिकल एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) सेक्टर-32 के कोविड-19 आइसीयू वार्ड में कार्यरत डॉक्टर सीरत चिराया का। डॉ. सीरत मार्च 2020 से अब तक लगातार कोविड-19 मरीजों के लिए बनाए आइसीयू वार्ड में सेवाएं दे रही हैं। दैनिक जागरण से बात करते हुए उन्होंने खुद के फिटनेस और मरीजों को कोरोना से उभरने के टिप्स साझा किए।
डॉक्टर सीरत ने बताया कि जैसे ही कोविड आइसीयू वार्ड में मेरी ड्यूटी लगी तो सबसे पहले मैंने खुद के भीतर सकारात्मकता कायम की। यदि मैं खुद सकारात्मक रहूंगी तभी मैं वेटिलेंटर पर आने वाले मरीज को मोटिवेट करके उसका इलाज कर सकती हूं। डॉक्टर सीरत के अनुसार किसी भी बीमारी या फिर परेशानी से हम उस समय तक नहीं जीत सकते, जब तक हमारा आत्मविश्वास दृढ़ न हो। यदि हम खुद पर विश्वास रखते हैं, टेंशन लेने के बजाय स्थिति का मुकाबला करते हैं तो निश्चित तौर पर जीत हासिल करते हैं।
खाने-पीने का रखें ध्यान
सकारात्मक सोच के साथ खान-पान हर रोग से लड़ने के लिए सबसे अहम है। कोरोना में ड्यूटी देने के दौरान मैंने बाहर के खाने को पूरी तरह से बंद कर दिया। घर में बना हुए खाने को ही प्राथमिकता देती हूं। घर में बना हुआ ताजा खाना सबसे बेहतर होता है। तला-भुना या फिर मसालेदार खाने से हमेशा मैंने दूरी रखी है ताकि मैं खुदको फिट रख सकूं।
थकान के बावजूद नहीं छोड़ा व्यायाम
डॉक्टर सीरत ने बताया कि कोविड वार्ड में ड्यूटी देने के दौरान हर समय मास्क और पीपीई किट डालनी पड़ती है जिसके चलते शरीर में थक जाता है। उस थकान के बावजूद मैंने रूटीन में व्यायाम करना नहीं छोड़ा। आधे घंटे के बजाय मैंने 10 से 15 मिनट व्यायाम किया, जिससे मैं मानसिक और शारीरिक तौर पर मजबूत बनी रही।
रेस्ट भी जरूरी
इंसान बेहतर सोच रखें और बेहतर तरीके से काम को पर पूरा कर सके उसके लिए जरूरी है कि वह फ्रेश हो। फ्रेश रहने के लिए जरूरी है कि आपकी नींद पूरी हो और थकान के बाद आप पूरी तरह से रिलेक्स हों। इसलिए मैंने सोते समय कोई भी बात दिमाग में नहीं रखी और पूरी तरह से खुद काे फ्रेश रखा।
कोरोना होने से पहले और बाद में इन बातों का रखें ध्यान
डॉ. सीरत ने बताया कि कोरोना का सबसे गहरा असर इंसान के फेफड़ों पर पड़ता है। जब आप स्वस्थ हैं तो भी और कोरोना होने के बावजूद सबसे पहले फेफड़े से जुड़े व्यायाम और योग करें। यदि व्यायाम नहीं कर सकते तो ज्यादा से ज्यादा उल्टे मुंह लेटने और साइड बदलने का प्रयास करें। उल्टा सोने से फेफड़ों पर जाेर पड़ता है जिससे वह मजबूत होते हैं जिससे कोरोना संक्रमण आपको कम प्रभावित करता है। इससे आपको सांस लेने में भी कोई परेशानी नहीं आती।
पौष्टिक और ताजा खाना सबसे ज्यादा जरूरी
डॉक्टर सीरत ने बताया कि कोरोना होने के बाद मरीज के सूंघने और खाने का स्वाद चला जाता है लेकिन यदि मरीज के साथ ऐसा होता भी है तो वह खाना न छोड़ें। पौष्टिक और ताजा खाना खाएं ताकि बीमारी में आपका शरीर मजबूत रह सके और आप संक्रमण से जल्द मुक्ति पा सकें। कोरोना से बचाव के लिए हर प्रोटीन की जरूरत है लेकिन यदि इंसान विटामिन सी लेता है तो वह काफी बेहतर है। विटामिन सी के लिए संगतरे के साथ खट्टे फल खाएं।