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इन प्रतिभाओं को सलाम

पंजाब यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Apr 2019 06:51 PM (IST)Updated: Sun, 28 Apr 2019 06:51 PM (IST)
इन प्रतिभाओं को सलाम
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जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी में 68वें दीक्षा समारोह का आयोजन रविवार को किया गया। जिसमें चंडीगढ़ के अलावा 16 राज्यों और तीन अन्य देशों के स्टूडेंट्स ने डिग्री हासिल की। पहली बार पीयू में 491 पीएचडी होल्डर्स को डिग्रियां बांटी गई। जोकि पंजाब यूनिवर्सिटी में स्थापना के बाद पहली बार हुआ है। वहीं, अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और एमफिल में भी 863 डिग्रियां बांटी गई। जिसमें महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले बाजी मारी। 235 पुरुष और 628 महिलाओं ने दीक्षा समारोह में डिग्री हासिल करके रिकॉर्ड स्थापित किया। इन हस्तियों को सम्मानित करने के लिए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू विशेष तौर से मौजूद रहे। जिन्होंने इसरो के चेयरमैन डॉ. के सिवन को विज्ञान रत्न की डिग्री से सम्मानित किया। स्टूडेंट्स को डिग्री वाइस चांसलर प्रो. राजकुमार ने दी। डिग्री हासिल करने वाली कुछ विशेष हस्तियों से दैनिक जागरण संवाददाता सुमेश ठाकुर ने विशेष बातचीत की। पेश हैं कुछ खास अंश.. रंजना भंडारी : पापा के सपने को किया पूरा, हासिल की डिग्री

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दीक्षा समारोह में पीयू के पूर्व डीयूआइ एके भंडारी की बेटी रंजना भंडारी को पीएचडी की डिग्री सम्मानित किया गया। डॉ. रंजना ने बताया कि पापा का सपना था कि जिस यूनिवर्सिटी को स्थापित करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है, मैं भी उसका एक हिस्सा बनूं। इसलिए मैंने यहां से पीएचडी की। आज मुझे डिग्री तो मिल गई, लेकिन पापा मेरे साथ नहीं हैं, जो मेरे लिए दुख का विषय है। हरी राम अंथाल : बैंकिग की छुटी नौकरी तो कर ली पीएचडी

पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाले सबसे ज्यादा उम्र के हरी राम अंथाल ने बताया कि वे बैंक में काम करते थे। जिस दौरान यूनियन में भी काम किया करते थे। बैंक ने बिना कारण बताए मुझे नौकरी से निकाल दिया। जिसके बाद पहले मैंने बीए-एलएलबी की, उसके बाद एलएलएम, एमफिल, नेट को क्लीयर किया और अब पीएचडी को भी पूरा कर चुका हूं। इस डिग्री को पूरा करने में मेरी उम्र 63 साल हो चुकी है। वीरेंद्र मोहन कालरा : बीबी ने कराई मैथ की पढ़ाई तो कर ली पीएचडी

वीरेंद्र मोहन कालरा पॉलीटेक्निक कॉलेज यमुनानगर में कार्यरत हैं। पत्नी मैथ की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। जब पीएचडी के लिए माइनिग मशीन के एरिया में रिसर्च वर्क शुरू किया, तो उसमें मैथ सबसे बड़ी परेशानी बन गया था। कालरा ने बताया कि पूनम कालरा ने मुझे मैथ की इतनी तैयारी कराई कि मैं आज डिग्री पूरी कर चुका हूं। बीबी को कभी भी कम मत आंको। मैंने उन्हें खुद से ऊपर का स्थान दिया, तो मैं डॉक्ट्रेट की डिग्री हासिल कर गया। धीरज आहूजा : खुद की कमजोरी को नहीं आने दिया आड़े

धीरज आहूजा हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले हैं। आठ महीने की आयु में पोलियो होने के कारण चलने-फिरने में अक्षम हो गए, लेकिन कभी उम्मीद नहीं छोड़ी। पीयू से ही एमएससी करने के बाद एमफिल और अब केमिकल इंजीनियरिग विभाग से पालीमर नैनो कंपोजिट बनाने में सफलता हासिल की है, जोकि बायो बेस्ट से बनाई गई है। यह डिग्री उन सभी लोगों को समर्पित है, जोकि शारीरिक अक्षमता के कारण कुछ करने से कतराते हैं। सीनेट सदस्य परवीन और हरप्रीत दुआ ने भी हासिल की पीएचडी की डिग्री

दीक्षा समारोह में पीयू की सीनेट कमेटी के सदस्य परवीन गोयल और हरप्रीत दुआ को भी पीएचडी की डिग्री मिली है। यह पहली बार है कि सीनेट के सदस्य बनने के बाद भी किसी ने पीएचडी जारी रखी हो और उसे यह डिग्री दीक्षा समारोह के दौरान मिली हो। ईरान के अली रजा और जाहिरा व म्यांमार के अशी ने हासिल की पीएचडी की डिग्री

ईरान से अली रजा और जाहिरा ने साइकोलॉजी और म्यांमार के अशी ने बुद्धिस्ट कन्सेप्ट पर डिग्री हासिल की। अली रजा ने कहा कि साइकोलॉजी में कुछ सीखने के लिए पीयू से बढि़या कोई अन्य संस्थान नहीं था। शुरू में यहां पर थोड़ी परेशानी जरूर हुई थी, क्योंकि शायद मुझे विदेशी समझा जाता था, लेकिन जैसे ही कुछ दोस्त बने, तो खुद के घर को भी भूल गया हूं। वहीं, जाहिरा ने कहा कि भारत आकर डिग्री करने का सबसे बड़ा कारण सुरक्षा है। चंडीगढ़ ऐसा शहर है, जहां पर महिलाएं सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं। अशी ने बताया कि म्यांमार में बौद्ध धर्म का बहुत ज्यादा प्रसार है, लेकिन भारत का इतिहास बहुत ज्यादा पुराना है। जहां पर पढ़ाई करने के लिए विशाल भंडार मिला है। डिग्री लेने के लिए म्यांमार से विशेष तौर पर भारत आया हूं। फाइनेंस के क्षेत्र में होती है परेशानी, उससे निपटने के लिए कर दी पीएचडी

प्रिया कौशल ने फाइनेंस के क्षेत्र में पीएचडी की है। कहा कि फाइनेंस के क्षेत्र में कई प्रकार की परेशानियां आती हैं, लेकिन उन पर रिसर्च वर्क बहुत ही कम है। वर्क कम होने के कारण फाइनेंस का क्षेत्र चुना और आज डॉक्ट्रेट की डिग्री हासिल कर चुकी हूं, जो गौरव का विषय है। कर्नल आशीष जौहर ने पूरी की एमफिल

दीक्षा समारोह में इंडियन आर्मी के कर्नल आशीष जौहर ने एमफिल की डिग्री हासिल की। कर्नल आशीष जौहर दीक्षा समारोह में इंडियन आर्मी की ड्रेस में पहुंचे थे। उन्होंने एजुकेशन क्षेत्र में एमफिल पूरी की है। कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार कुछ भी बताने में असमर्थ हूं, लेकिन डिग्री मेरे लिए सपना था, जोकि पूरा हो गया।


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