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कनुप्रिया बोलीं, पीयू सिर्फ परिसर में दे सुरक्षा; बाहर अपनी रक्षा लड़कियां खुद ही कर लेंगी

पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट काउंसिल की प्रेसिडेंट कनुप्रिया का कहना है कि पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में ही लड़कियों को सुरक्षा दे दें। गेट से बाहर की सुरक्षा लड़कियां खुद कर सकती हैं।

By Edited By: Published: Sun, 25 Nov 2018 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 25 Nov 2018 11:11 AM (IST)
कनुप्रिया बोलीं, पीयू सिर्फ परिसर में दे सुरक्षा; बाहर अपनी रक्षा लड़कियां खुद ही कर लेंगी
कनुप्रिया बोलीं, पीयू सिर्फ परिसर में दे सुरक्षा; बाहर अपनी रक्षा लड़कियां खुद ही कर लेंगी

चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में ही लड़कियों को सुरक्षा दे दे। गेट से बाहर की सुरक्षा लड़कियां खुद कर सकती हैं। यह कहना है पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट काउंसिल की प्रेसिडेंट कनुप्रिया का। विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी खुद कमजोर है, जिसका पता विरोध को दबाने से चल रहा है। 24 घंटे हॉस्टल खुला रखना फिजिकल प्रेक्टिस नहीं है, बल्कि मानसिक तौर पर जरूरी है। वाइस चांसलर से लेकर सारी फैकल्टी उस मानसिकता को छोड़ने को तैयार नहीं है, जिसके कारण धरना 27वें दिन तक पहुंच गया है।

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कनुप्रिया से कुछ सवाल..

लड़कियों के लिए 24 घंटे हॉस्टल खुले रखने की मांग क्यों है?

-ग‌र्ल्स हॉस्टल खुला रखने का सीधा का संदेश है कि लड़कियों को भी लड़कों के बराबर हक मिले। यदि लड़के पूरी रात बाहर रह सकते हैं, तो लड़किया क्यों नहीं।

24 घंटे हॉस्टल खुला रखने में सबसे बड़ी समस्या सुरक्षा है। हॉस्टल खुलते हैं, तो आप सुरक्षा को कैसे देखते हो?

-कैंपस की सुरक्षा की जिम्मेदारी पीयू प्रशासन की है। पीयू प्रशासन खुद की जिम्मेदारियों से भाग रहा है। जिसके कारण वह कैंपस में ही सुरक्षा नहीं दे पा रहा। अपनी इसी कमी को छुपाने के लिए हमें दबाया जा रहा है।

पूरे रात हॉस्टल खुला रखने की जरूरत क्यों है। ऐसा कौन सा काम है, जो रात को ही हो सकता है, दिन में नहीं?

-लड़कों के लिए पूरी रात हॉस्टल खुला रखने का क्या लॉजिक है। उन्हें तो यह कभी नहीं पूछा जाता कि वे पूरी रात बाहर क्या करेंगे, तो ऐसे में लड़कियों से यह सवाल करना भी सही नहीं है।

पीयू में शाम के मौके पर ही कई यौन शोषण के मामले दर्ज हुए हैं। ऐसे में आपको लगता है कि आपकी डिमांड के बाद उसमें कमी आएगी।

-पंजाब यूनिवर्सिटी में आए दिन यौन शोषण के मामले दर्ज हो रहे हैं और वह तो दिन में भी हो रहे हैं। उसका कारण मानसिकता है। जिसे बदलवाने की कोशिश की जा रही है।

हॉस्टल खुलने के बाद यदि वारदात होती है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?

-पंजाब यूनिवर्सिटी में जो भी लड़की आती है वह खुद का अच्छा-बुरा समझती है। जिन लड़कियों ने रात को बाहर निकलना है, उसका कोई कारण जरूर होगा और वह खुद की सुरक्षा कर सकती होगी।

पीयू के आसपास के एरिया में कई लड़किया नशे की हालत में घूमती मिली हैं। उसके बाद भी आप डिमांड कर रहे हैं?

-जो भी लड़की घर से निकलती है, उसका खुद का कोई कारण होता है। पीयू के आसपास के एरिया में यदि ऐसी लड़किया हैं, तो वह पीयू में आकर ऐसी नहीं हुई है या फिर उन्हें पीयू में ऐसा करने की परमिशन नहीं दी है। उन्हें हमारे साथ नहीं जोड़ा जा सकता।

हॉस्टल में रह रहीं 15 हजार लड़कियां

क्या है पीयू में ग‌र्ल्स हॉस्टल के नियम पंजाब यूनिवर्सिटी में लड़कियों के लिए 9 हॉस्टल बने हुए हैं। जिसमें करीब 15 हजार लड़कियां रह रही हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी ने सर्दियों के लिए लड़कियों का बाहर जाने का समय रात 10 बजे तक रखा है, जोकि मात्र 10 दिन के लिए होगा। उसके बाद यदि कोई लड़की बाहर जाती है, तो उसे जुर्माना होगा। वहीं, गर्मियों के लिए समय रात 11 बजे तक है। इसके अलावा लड़कों के किसी भी हॉस्टल में कोई आने-जाने का नियम नहीं है।

रंग नहीं लाया था पटियाला में आंदोलन

ग‌र्ल्स हॉस्टल का समय बढ़ाने के लिए पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला भी लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुआ था लेकिन उनका कोई खास लाभ स्टूडेंट्स को नहीं मिला। अभी भी पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में ग‌र्ल्स हॉस्टल रात 10 बजे तक खुले रखे जाते हैं। पिछले महीने तक ग‌र्ल्स हॉस्टल में एंट्री का टाइम रात 8 बजे तक था। हॉस्टल में एंट्री 24 घटे खुले रखने के लिए यूनिवर्सिटी की ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स ने आदोलन भी किया। यह आदोलन करीब 22 दिन चला, लेकिन मैनेजमेंट ने हॉस्टल में एंट्री का समय मात्र दो घंटे बढ़ाया था।

कुरुक्षेत्र में प्रबंध पूरे पुख्ता

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में महिला छात्रावास में छात्राओं के शाम को आने का समय 6.30 बजे व सुबह निकलने का समय 5.30 बजे है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में भी कई बार छात्राएं इस समय को बढ़ाने की माग कर चुकी हैं और छात्र संघों की माग में यह प्रमुखता से शामिल किया जाता है। वहीं, छात्रावासों को सुरक्षा के मद्देनजर पूरी तरह से सुरक्षित किया गया है। चारों तरफ ऊंची दीवार बनाई गई है व दीवार के ऊपर काटेदार तार लगाए गए हैं। गेट पर दो जगह सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाता है। हॉस्टल के 200 मीटर के दायरे में छात्रों को नहीं आने दिया जाता। अभिभावकों को भी महिला छात्रावास में परमिशन के बाद ही जाने दिया जा सकता है।

अमृतसर में सिर्फ आधे घंटे बढ़ाया गया था समय

अमृतसर के गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में हॉस्टल में रहने वाले लड़कों के लिए हॉस्टल के अंदर रात्रि को जाने के लिए कोई समय फिक्स नहीं जबकि लड़कियों के लिए रात्रि 8 बजे के बाद हॉस्टल में प्रवेश करना निषेध है। पहले लड़कियों के लिए यह टाइम 7.30 बजे तक था, बाद में इसको बढ़ा दिया गया है।

समय बढ़ाना किसी एक के हाथ में नहीं

पंजाब यूनिवर्सिटी के डीएसडब्ल्यू इमैनुअल नाहर का कहना है कि स्टल का समय बढ़ाना किसी एक अधिकारी के हाथ में नहीं है। ऐसे प्रस्ताव पहले सिंडीकेट में आते हैं, उसके बाद सीनेट पास करती है। ऐसे में मैं अपनी तरफ से कोई निर्णय नहीं ले सकता।


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