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Punjab Assembly Election 2022: शिअद ने 83 व आप ने 10 प्रत्याशी किए घोषित, कांग्रेस-भाजपा को लगेगा समय

Punjab Assembly Election 2022 पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों ने टिकट के लिए दौड़ लगानी शुरू कर दी है। राज्य में अकाली दल 83 आप 10 व बसपा 15 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है जबकि कांग्रेस व भाजपा ने अभी एक भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 06:26 PM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 09:41 AM (IST)
Punjab Assembly Election 2022: शिअद ने 83 व आप ने 10 प्रत्याशी किए घोषित, कांग्रेस-भाजपा को लगेगा समय
पंजाब की प्रमुख पार्टियों के चुनाव चिन्ह।

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। Punjab Assembly Election 2022: नवंबर माह में हवा जैसे-जैसे ठंडी होती जा रही है वैसे-वैसे पंजाब का सियासी पारा गरम हो रहा है। 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर सारी राजनीतिक पार्टियों ने धीरे-धीरे अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। किसान आंदोलन के कारण अभी तक सियासी रूप से हाशिये पर चल रही भारतीय जनता पार्टी ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद राहत की सांस ली है।

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विधान सभा चुनाव में टिकट के इच्छुक नेताओं ने सैटिंग बैठानी शुरू कर दी है। टिकट की दौड़ में एक बार फिर क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने सभी को पीछे छोड़ दिया है। अकाली दल ने 83 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर भी दी है, जबकि आम आदमी पार्टी ने भी अपने दस विधायकों को फिर टिकट देने का ऐलान किया है। इसी प्रकार बहुजन समाज पार्टी ने भी 15 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इसके विपरीत सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी टिकट तो दूर अभी तक अपने संगठन की रूपरेखा तक तैयार नहीं कर पाई है। हालांकि पार्टी में यह मांग उठनी शुरू हो गई है कि 2022 के चुनाव को देखते हुए कांग्रेस को भी जल्द से जल्द कम से कम उन प्रत्याशियों के नामों को घोषणा कर देनी चाहिए, जिनका लड़ना 100 फीसद तय है।

कांग्रेस भले ही अभी टिकटों की दौड़ में शामिल नहीं हुई, जबकि इसके विपरीत पार्टी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले दिनों यह घोषणा करके पार्टी में खलबली पैदा कर दी कि कई वर्तमान विधायकों का टिकट कटेगा। हालांकि यह पहला मौका नहीं था जब कांग्रेस की तरफ से इस तरह की कोई प्रतिक्रिया आई हो। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के राजनीतिक रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने 30 सिटिंग विधायकों के टिकट कटने के संकेत दिए थे। हालांकि कांग्रेस में टिकट के चाहवानों ने वरिष्ठ नेताओं के इर्द-गिर्द घेराबंदी करनी शुरू कर दी है। यही कारण है कि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी को पार्टी के विधायकों को यह कहना पड़ा कि वह चंडीगढ़ के चक्कर लगाना बंद करके अपने-अपने विधान सभा क्षेत्रों पर ध्यान दें।

कांग्रेस का इतिहास रहा है कि वह हमेशा ही चुनावों के नजदीक आकर ही प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करती रही है, जबकि चुनाव खत्म होने के बाद पार्टी की ओर से हमेशा ही यह बयान आ जाता है कि अगले चुनावों में टिकटों का आवंटन सही समय पर होगा। इसके विपरीत शिरोमणि अकाली दल ने इस बार भी टिकटों के बंटवारे में सभी पार्टियों को पछाड़ दिया है। जहां अन्य राजनीतिक पार्टी टिकटों को लेकर अभी विचार तक नहीं कर पाई है, वहीं अकाली दल ने 83 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है।

शिअद ने 97 सीटों पर चुाव लड़ना है, जबकि बाकी की 20 सीटें उसने अपनी सहयोगी पार्टी बहुजन समाज पार्टी के लिए छोड़ी हैं। टिकट वितरण में आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं है। आप ने अपने 10 विधायकों को फिर टिकट देने की घोषणा कर दी है, जबकि इसके विपरीत 117 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के सामने अभी तक सभी सीटों पर प्रत्याशी ढूंढना भी एक बहुत बड़ी चुनौती बनी हुई थी। हालांकि प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषि कानून वापस लेने के फैसले के बाद भाजपा की पंजाब में परेशानी कुछ कम जरूर हुई है, लेकिन भाजपा अभी भी टिकटों के बंटवारे से कोसों दूर है।


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