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चंडीगढ़ के सचिन व बिन्नी ने ऐसे बनाई थी फ्लिपकार्ट, संघर्ष से बनाया मुकाम

ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी फ्लिपकार्ट बनाने वाले चंडीगढ़ के सचिन आैर बिन्‍नी बंसल ने संघर्ष और जज्‍बे से बड़ा मुकाम हासिल किया। उन्‍होंने अमेजन की नौकरी छोड़कर फ्लिपकार्ट बनाया था।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 10 May 2018 11:16 AM (IST)Updated: Fri, 11 May 2018 10:37 PM (IST)
चंडीगढ़ के सचिन व बिन्नी ने ऐसे बनाई थी फ्लिपकार्ट, संघर्ष से बनाया मुकाम
चंडीगढ़ के सचिन व बिन्नी ने ऐसे बनाई थी फ्लिपकार्ट, संघर्ष से बनाया मुकाम

जेएनएन, चंडीगढ़। ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी फ्लिपकार्ट बनाने वाले सचिन बंसल और उनके दोस्‍त बिन्‍नी बंसल की कहानी संघर्ष और जज्‍बे को समेटे हुए है। आइअाइटी से साफ्टवेयर इंजीनियरिंग कर चुके चंडीगढ़ के सचिन और बिन्‍नी ने बेमिसाल कुशलता और प्रबंधन से फ्लिपकार्ट को इतने बड़े मुकाम पर पहुंचाया। सचिन अपनी कंपनी न बनाते तो एक प्रोफेशनल गेमर होते। आइआइटी जेईई में सचिन बंसल का 49वां रैंक आया था। आइआइटी से निकलने के बाद 2006 में सचिन और बिन्नी ने अमेजन डाट काम में सीनियर साफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी।

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अमेजन की नौकरी कर छोड़कर बनाया था फ्लिपकार्ट, कंपनी को पहले साल मिले थे मात्र 20 आर्डर

सचिन ने स्कूली शिक्षा चंडीगढ़ के सेक्‍टर 32 स्थित सेंट ऐंस स्कूल से प्राप्‍त की थी। सचिन और बिन्नी ने अमेजन डाट काम की नौकरी एक साल बाद ही छोड़ दी थी और अपनी कंपनी बना ली। आइआइटी दिल्ली से 2003 में इंजीनियरिंग की डिग्री करने वाले सचिन बंसल और उनके दोस्त बिन्नी बंसल ने फ्लिपकार्ट की शुरुआत बेंगलूर से एक स्माल ऑनलाइन बुक स्टोर के रूप में की थी।

कुछ साल में ही कंपनी देश की सबसे बड़ी ई-कामर्स कंपनी बन गई। हालांकि इस कंपनी का पहला साल बेहद निराशाजनक था और इसे महज 20 ऑर्डर ही मिले थे। हालांकि यह आगे चलकर एक ही दिन में 1400 करोड़ की सेल करने वाली कंपनी भी बनी।

चंडीगढ़ से नहीं छूटा प्यार

फ्लिपकार्ट 100 मिलियन रजिस्टर्ड यूजर्स का आंकड़ा पार करने वाली और एक दिन में 1400 करोड़ की सेल करने वाली कंपनी बनी तो सचिन और बिन्नी बंसल चंडीगढ़ का शुक्रिया अदा करने सिटी पहुंचे थे। यही नहीं खुद लोगों के घरों में जाकर सामान की डिलीवरी दी, क्योंकि सचिन और बिन्नी के लिए पहला साल निराशाजनक रहा था। सचिन के पिता सतप्रकाश अग्रवाल के अनुसार दोनों पार्टनर ने दो-दो लाख रुपये डालकर कंपनी की शुरुआत की थी।


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