मालियों को अपनी जेब से वेतन दे रही आरडब्लयूए
स्थानीय निकाय विभाग की ओर से मोहाली नगर निगम के बजट में 141 करोड़ रुपये की कटौती के बाद शहर के कई कामों पर असर पड़ा है।
जागरण संवाददाता, मोहाली : स्थानीय निकाय विभाग की ओर से मोहाली नगर निगम के बजट में 141 करोड़ रुपये की कटौती के बाद शहर के कई कामों पर असर पड़ा है। वहीं निगम शहर के पार्कों का रखरखाव कर रेजिडेंस वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्लयूए) को भुगतान करने में असमर्थ हो रहा है। निगम के प्रस्तावित 268.72 करोड़ रुपये के मुकाबले बजट 127.86 करोड़ रुपये के लिए स्वीकृत किया गया था। निगम कमिश्नर कमल कुमार गर्ग ने कहा निगम पहले से ही वित्तीय संकट से गुजर रहा है। अब बजट में इस कटौती से एमसी पूरी तरह से डूब जाएगी। स्थानीय निकायों ने पार्क रखरखाव के लिए 100 करोड़ रुपये के फंड को मंजूरी नहीं दी है। इसके चलते एमसी के पास भुगतान करने के लिए राशि नहीं है।
149 पार्को की देखरेख करती है आरडब्ल्यूए
ध्यान रहे कि आरडब्ल्यूए एमसी के साथ 594 पार्कों में से 149 की देखरेख करते हैं। कमिश्नर कमल गर्ग ने कहा कि निगम बाकी पार्कों के रखरखाव कर एसोसिएशनों को देने में असमर्थ होगा। क्योंकि एक बड़ी राशि की आवश्यकता के रूप में आउटसोर्स किया जाना था। गर्ग ने माना कि अभी निगम के लिए लिए यह संभव नहीं है कि हम आरडब्ल्यूए को उनके लंबित बिलों का भुगतान करें।
निगम कब देगा पैसा पता नहीं
उधर दूसरी और निगम के पार्कों की देखरेख कर रही एसोसिएशनों का कहना है कि वे अपनी जेबों से पार्कों में रखे मालियों को वेतन दे रहे हैं। निगम से पैसा कब आएगा कुछ साफ नहीं। बरसात का मौसम है। अगर पार्कों को साफ नहीं किया गया तो बड़ी बड़ी घास उग जाएगी।
तीन माह से मालियों को दे रहे वेतन
कन्फेडरेशन ऑफ ग्रेटर मोहाली आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष सीएल गर्ग ने कहा तीन महीने से मालियों को अपनी जेब से भुगतान कर रहे हैं। एमसी ने भरोसा दिलाया था कि वे हमारा बकाया भुगतान कर देंगे। चार महीने का बकाया पेंडिंग है। आरडब्ल्यूए को 56 एकड़ पार्क भूमि के रखरखाव के लिए प्रति माह 2.45 रुपये प्रति वर्ग मीटर का भुगतान करती है, जो छह लाख रुपये प्रति माह आती है।