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पंजाब विधानसभा में हंगामा, शिअद विधायकों ने किया वाकआउट, अपना अलग सदन लगाया

पंजाब विधानसभा के मॉनसून सत्र के अंतिम दिन सदन मेंं भारी हंगमा हुआ। शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने सदन ने वाकआडट किया अौर अपना अलग सदन चलाया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 02:10 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 02:11 PM (IST)
पंजाब विधानसभा में हंगामा, शिअद विधायकों ने किया वाकआउट, अपना अलग सदन लगाया
पंजाब विधानसभा में हंगामा, शिअद विधायकों ने किया वाकआउट, अपना अलग सदन लगाया

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के मॉनसून सत्र के अंतिम दिन भी सदन में जमकर हंगामा हुआ। शिरोमणि अकाली दल ने बलजीत सिंह दादूवाल और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की हुई बैठक को लेकर शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने सवाल उठाए व शोरगुल किया। शिअद विधायक सदन के वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। इस मामले में सुखबीर सिंह बादल द्वारा मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सदन की कमेटी गठित करने की मांग की। इसके बाद कमेटी बना दी गई। बाद में जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा में कम समय देने पर भी शिअद विधायकों ने हंगामा किया व सदन से वाकआउट किया। शिअद विधायकों ने अपना अलग सदन लगाया।

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जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर बहस शुरू

 इसके साथ ही विधानसभा में रिटायर्ड जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर बहस शुरू हो गई। स्पीकर राणा केपी सिंह ने चर्चा में अपनी बात रखने के लिए कांग्रेस को एक घंटा 20 मिनट, शिरोमणि अकाली दल को 14 मिनट तथा आम आदमी पार्टी को 21 मिनट का समय दिया। अकाली दल ने और ज्यादा समय की मांग करते हुए विधानसभा में हंगामा शुरू कर दिया।

विधानसभा के बाहर अपना अलग सदन चलाते शिअद विधायक।

स्‍पीकर द्वारा समय नहीं बढ़ाने के विरोध में शिअद के विधायकों ने वाकआउट किया। सदन से बाहर आने के बाद शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने अपना अलग प्रतिकात्‍मक सदन चलाना शुरू कर दिया। उन्‍हाेंने इसका स्‍पीकर लखबीर सिंह लोधी नंगल को बनाया।

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इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद एक बार फिर सुखबीर सिंह बादल द्वारा दादूवाल को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर लगाए गए अारोप का मामला उठा। अकाली दल के विधायक ने इस मामले पर हंगामा किया। वे नारे लगाते हुए सदन के वेल में आ गए।

विधानसभा में वित्‍तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल।

इसी दौरान मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने सुखबीर बादल द्वारा दादूवाल के साथ बैठक को लेकर खुद पर लगाए गए आरोप की जांच के लिए सदन की कमेटी बनाने का प्रस्‍ताव रखा। इसे स्‍वीकार कर लिया और  कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के नेतृत्‍व में कमेटी का गठन कर दिया गया। 

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विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने जाते आप विधायक।

यह कमेटी इस बात की जांच करेगी कि क्या सुखबीर सिंह बादल ने अपने बयान से सदन को गुमराह किया।   इस मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि यदि दादूवाल के साथ बैठक में उनके भाग लेने की बात साबित होती है तो विधानसभा की सदस्‍यता से इस्तीफा दे देंगे, अन्‍यथा सुखबीर बादल इस्तीफा दें। विधानसभा के मीडिया हॉल में पत्रकारों से बातचीत में खैहरा ने कहा कि सुखबीर बादल के आरोप गलत हैं। सुखबीर ने ही बेअदबी की घटनाएं कराई और वह पंथ विरोधी हैं।

 विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने पहुंचे सिमरजीत सिंह बैंस व बलविंदर सिंह बैंस।

 असंसदीय शब्द बोलने पर सिमरजीत सिंह बैंस के प्रति निंदा प्रस्ताव पास

दूसरी ओर, सदन में लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस के खिलाफ निंदा प्रस्‍ताव पारित किया गया। आरोप है कि बैंस ने वेरका मिल्क प्लांट के एक सवाल के जवाब के दौरान कांग्रेस के विधायक हरप्रताप सिंह अजनाला को अपशब्‍द कहे। इस पर सभी कांग्रेस विधायक शोर शराबा करने लगे। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री ब्रह्म मोहिंदर ने बैंस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया। इसे सदन ने पारित कर दिया।

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