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कालका के रोहिताश्व को मिला दादा साहेब फाल्के अवार्ड

रोहिताश्व ने बताया कि वह डीडी वन, स्टार प्लस, कलर, जीटीवी, सब टीवी के लिए काम कर चुके है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 May 2018 01:05 PM (IST)Updated: Sun, 13 May 2018 01:17 PM (IST)
कालका के रोहिताश्व को मिला दादा साहेब फाल्के अवार्ड
कालका के रोहिताश्व को मिला दादा साहेब फाल्के अवार्ड

चंडीगढ़ (जागरण संवाददाता) : कालका निवासी एवं टीवी एक्टर रोहिताश्व गौड़ को दादा साहेब फाल्के फिल्म फाउंडेशन अवार्ड-2018 बेस्ट कॉमेडी एक्टर के तौर पर सौंपा गया। इससे कालका वासियों में खुशी की लहर है। दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए रोहिताश्व गौड़ ने बताया कि उन्हें यह अवार्ड 29 अप्रैल को मुंबई के चित्रकूट ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जाने-माने फिल्म मेकर अशोक पंडित के हाथों से मिला। रोहिताश्व ने बताया कि इस अवार्ड के साथ जो नाम जुड़ा है वह इंडस्ट्री के संस्थापक का है इस लिए यह अवार्ड उनके लिए और भी खास है। उन्होंने बताया कि दादा साहेब फाल्के अवार्ड फिल्म इंडस्ट्री का सबसे सम्मानित अवार्ड है। रोहिताश्व ने बताया कि अवार्ड फंक्शन के दौरान उनके साथ मुम्बई के टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल साइंटिफिक असिस्टेंट के पद पर तैनात उनकी पत्‍‌नी रेखा गौड़, बड़ी बेटी गीति गौड़ व छोटी बेटी संगीती गौड़ भी मौजूद थी। उन्होंने बताया कि यह सम्मान वह अपने स्वर्गीय पिता सुदर्शन गौड़ को समर्पित करना चाहते हैं।

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ऐसे हुई मायानगरी में एंट्री

रोहताश ने बताया कि उनके पिता सुदर्शन गौड़ ने 1952 में शिमला में ऑल इंडिया आर्टिस्ट एसोसिएशन का गठन किया था जिसकी विभिन्न जगह ब्राच भी बनाई गई थी। इसमें बलराज सहानी, मदन पुरी, प्रेम चोपड़ा उनके साथ जुड़े थे। उन्होंने बताया इसमें ऑल ओवर इंडिया के कलाकारों को एक साथ ज्वाइन किया था और एक ड्रामा एंड डास फेस्टीवल की शुरुआत किया। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में भी हमारी संस्था रजिस्टर्ड है। फिलहाल शिमला में यह सक्रिय है जहां पूरे भारत से छह सौ के करीब कलाकार पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि वह जल्द ही चंडीगढ़ में भी इसे शुरू करेंगे। उन्होंने बताया कि वह भी एसोसिएशन के साथ जुड़े परंतु वह पिता की तरह शौकिया रंगमंच की बजाय इस लाइन में पेशेवर तौर पर आना चाहते थे। तब पिता की हिदायत पर उन्होने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा दिल्ली में ज्वाइन किया जहा 1986 में उनका सिलेक्शन हो गया 1989 में तीन साल का कोर्स करने के बाद वह यहा से पास आउट कर गए जिसके बाद नेश्नल स्कूल आफ ड्रामा ज्वाइन किया जहां से उन्होंने पेशेवर रंगमंच की शुरूआत की जहा मनोज वाजपेई सहित कई जानीमानी हस्तिया पेशेवर रंगमंच किया करते थे। छह साल यहा रहने के बाद वह 1997 में मुम्बई गए जहा सबसे पहले उन्होंने मुझे चाद चाहिए धारावाहिक में काम किया जोकि सुरेन्द्र वर्मा के उपन्यास पर आधारित था। इसके बाद उनकी टीवी की यात्रा प्रारंभ हो गई। लापता गंज व भाभी जी घर पर हैं धारावाहिक से मिला फेम

रोहिताश्व ने बताया कि वह डीडी वन, स्टार प्लस, कलर, जीटीवी, सब टीवी के लिए काम कर चुके है, फिलहाल वह एंड टीवी के लिए काम कर रहे है। इसके अलावा वह 16 फिल्मों में भी काम कर चुके है। जिसमें पीके, अतीथि कब जाओगे व मुन्ना भाई सीरिज इत्यादि शामिल हैं लेकिन लापता गंज में मुकंदी लाल व भाभी जी घर पर है में मनमोहन तिवारी के किरदार से उनको एक अलग पहचान मिली। कालका सरकारी स्कूल में आ‌र्ट्स में किया था टॉप

पुराने दिनों की याद ताजा करते हुए रोहिताश्व गौड़ ने बताया कि कालका सरकारी कॉलेज में स्टडी के दौरान उन्होंने एक नाटक जिसका नाम था (नाटक नही) में काम किया था जिसके चलते उन्हें इंटर जोनल लेवल पर बेस्ट एक्टर के अवार्ड से भी नवाजा गया था और इस नाटक के लिए कालका कॉलेज की खूब सरहाना भी हुई थी। उन्होंने बताया कि कालका सरकारी स्कूल से उन्होंने 11वीं की परीक्षा पास की थी। उन्होने बताया कि परिवार के कहने पर उनका साइंस में दाखिला हुआ था लेकिन उनका मन साइंस में बिल्कुल नही लगता था जिसके चलते वह जानबूझ कर 11वीं कक्षा में फेल हो गए तब फिजिक प्रोफेसर एडी अरोड़ा ने उनके पिता को बताया कि वह एक कलाकार को साइंटिस्ट बनाने में क्यों लगे हुए है तब जाकर रोहताश को आ‌र्ट्स में एडमिशन दिलवाई गई जिसमें उन्होंने टॉप किया।


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