इस मानसून में फंसने को तैयार रहे ट्राईसिटी के लोग
चंडीगढ़ का ड्रेनेज सिस्टम प्रति घटे 15 एमएम बारिश ही झेल सकता है। इससे अधिक बारिश होने पर सड़कों पर जलभराव हो जाता है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : मानसून ने दस्तक दे दी है और बरसातों का दौर शुरू हो चुका है, लेकिन अभी तक ट्राइसिटी में रोड गलियों की सफाई नहीं हो सकी। साइकिल ट्रैक और सड़कें बनाने के लिए जगह-जगह गड्ढे खोद दिए गए हैं। यह गड्ढे मानसून में हादसे का कारण बनने के साथ पानी के रास्ते में भी बाधा बनेंगे। रोड गलियां भी अभी तक साफ नहीं की गई। चंडीगढ़ का ड्रेनेज सिस्टम प्रति घटे 15 एमएम बारिश ही झेल सकता है। इससे अधिक बारिश होने पर सड़कों पर जलभराव हो जाता है। यही कारण है कि 40 से 60 एमएम बारिश होने पर शहर की सड़कें पानी से भर जाती हैं।
बरसात शुरू होने के बाद अब यूटी प्रशासन को रोड गलियों की याद आई है। इन दिनों चंडीगढ़ में जगह-जगह रोड गलियों का काम चल रहा है, लेकिन बरसात नियमित अंतराल के बाद होने लगी है। ऐसे में जो काम अभी तक हो जाना चाहिए था उसे अब तेजी से निपटाने की कोशिश हो रही है। शहर की ज्यादा रोड गलियां पत्तों से ब्लॉक पड़ी हुई हैं। कई रोड गलियां तो पिछले कई महीनों से टूटी पड़ी हैं उनकी मरम्मत करने की जहमत निगम ने अभी तक नहीं उठाई है। मलबे को निकाल कर मेनहोल के पास ही छोड़ा जा रहा है। अगर इसे तुरंत उठाया नहीं गया तो यह फिर से मेनहोल के रास्ते सीवरेज में चला जाएगा और इसे ब्लॉक कर देगा। हर बार होता है जलभराव
नगर निगम के पब्लिक हेल्थ विंग के पास शहर की वी वन, टू, थ्री, फोर, फाइव और सिक्स रोड के किनारे करीब 48 हजार 112 रोड गलियां और 28 हजार 801 मेनहोल हैं। ऐसे में निगम हर बार मानसून से कुछ महीने पहले इन रोड गलियों की सफाई का काम शुरू करता है, लेकिन हर बार जलभराव होता है। आउटसोर्स पर करवाया जा रहा काम
नगर निगम इस बार इन रोड गलियों की सफाई का काम आउटसोर्स पर करवा रहा है। इसके लिए पब्लिक हेल्थ विंग की सब डिवीजन नंबर 13, 14, 15, 18,19 और 21 ने 2 करोड़ 16 लाख 61 हजार रुपये खर्च कर 138 लेबर कर्मचारी आउटसोर्स पर रखे हैं। 8 कंपनियों को यह काम अलॉट किया गया है। इनमें 90 कर्मचारियों को छह महीने के लिए रखा गया है, जबकि 35 कर्मचारियों को अगले छह महीने के लिए रखा जाना है। 13 कर्मचारी 12 महीने के लिए काम करेंगे। प्रशासन के पास यह सब
प्रशासन के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के पास शहर की मुख्य रोड जिसमें मध्य मार्ग, जन मार्ग, दक्षिण मार्ग, आउटर दक्षिण मार्ग, पूर्व मार्ग, पश्चिम मार्ग, उत्तर मार्ग और आईटी पार्क वाली रोड हैं। इन्हीं रोड पर पब्लिक का ज्यादा आना-जाना लगा रहता है। बरसात के समय सबसे ज्यादा जाम भी इन मार्गो पर लगता है। रोड गलियों को साफ करने का काम तेजी से चल रहा है। आउटसोर्स कर्मचारियों से यह काम करवाया जा रहा है। सभी सब-डिविजन में करीब 138 आउटसोर्स कर्मचारी रखे गए हैं। मलबे को निकालने के साथ ही उठाने का काम भी साथ-साथ ही होगा।
संजय अरोड़ा, सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर, नगर निगम, चंडीगढ़। पंचकूला में सफाई के लिए अभी तक टेंडर ही अलॉट नहीं किए
पंचकूला में भी अधिकतर रोड गली ब्लॉक पड़ी हैं। वीरवार को मानसून के पहुंचने के साथ सड़कों पर पानी भरना शुरू हो गया। नगर निगम ने इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के स्टाफ की छुट्टिया भी रद कर दी हैं। दिन हो या रात अफसरों को बारिश होने पर आधे घटे में सेक्टर 14 स्थित एमसी ऑफिस में एकत्र होने के निर्देश दे दिए गए हैं। इसके बाद शहर में किसी जगह जलभराव व अन्य समस्या की शिकायत होते ही स्टाफ को मौके पर भेजा जाएगा। दूसरी तरफ नगर निगम ने शहर की रोड गलिया साफ कराने का टेंडर तक अलॉट नहीं किया। कई रोड गलिया ब्लॉक पड़ी हैं। इनमें कचरा, प्लास्टिक के लिफाफे पड़े हैं। रोड गलियों की सफाई के लिए कोई कॉन्ट्रेक्टर ही नहीं मिल पा रहा है। नगर निगम रोड गलियों की सफाई के लिए एजेंसियों से 3 बार आवेदन माग चुका है। तीनों बार एक भी एजेंसी का आवेदन नहीं आया। 1800-80-2013 पर कर सकते हैं शिकायत
नगर निगम ने एमसी ऑफिस में कंट्रोल रूम बनाया है। सड़कों पर पानी जमा होने पर शहरवासी टोल फ्री नंबर 1800-80-2013 पर कॉल कर इसकी जानकारी दे सकते हैं। नगर निगम में कुल 11 जेई व एमई हैं। जेई व एमई के जिम्मे एमसी एरिया के 20 वाडरें की डेवलपमेंट व मेन्टेनेंस का जिम्मा है।
14 वार्ड में काम अलॉट होना बाकी है। कोटेशन मंगवा ली गई है जिन्हें अभी खोला नहीं गया है। सेक्टर 9, 16 और 19 में जलभराव की शिकायतें ज्यादा होने के कारण इन सेक्टरों की रोड गलिया प्राथमिकता पर खोलने का फैसला लिया।
-राजेश जोगपाल, कमिश्नर, नगर निगम पंचकूला मोहाली में सड़कों को तोड़ दिया, इस बार भी घरों में पानी घुसना तय
मोहाली नगर निगम ने बरसात से ठीक पहले कॉजवे बनाने को लेकर सड़कों को तोड़ दिया है। अगर एक दो दिन में जोरदार बरसात होती है तो घरों में पानी घुसना तय है। कॉजवे बनाने को लेकर निगम ने कुछ सड़कों को भी बंद कर दिया है। ऐसे में लोगों को बरसात में सिंगल रोड होने के कारण जाम का सामना भी करना पड़ेगा। अभी भी निगम का दावा है वो बरसात आने से पहले ही कॉजवे बनाने का काम पूरा कर देंगे। निगम के एक्सईएन नरिंदर सिंह दालम का कहना है कि हमारी कोशिश है कि बरसात से पहले ये काम पूरा कर दिया जाए। जिले में ड्रेनेज सफाई का दावा किया जा रहा है। मोहाली शहर में शतप्रतिशत काम पूरा होने का दावा निगम कर रहा है, लेकिन असल में अभी भी पचास फीसदी से ज्यादा ड्रेनेज के साफ होने का काम बाकी पड़ा है। प्रशासन ने बनाए फल्ड कंट्रोल यूनिट
मोहाली ने सब डिवीजन स्तर पर फल्ड कंट्रोल यूनिट स्थापित कर दिए हैं। मुख्य कंट्रोल रूम प्रशासनिक काप्लेक्स मोहाली में बनाया गया है, जोकि पूरे जिले पर नजर रखेगा। किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन ने आपदा प्रबंधन को तैयार रहने के निर्देश जारी कर दिए है।