Road safety weekः सड़क हादसों में पांच वर्षों में 489 लोगों ने गंवाई जान, जनवरी-दिसंबर में कोहरा जान पर भारी
यूटी पुलिस आंकड़ों के अनुसार प्रति माह आठ लोगों की मौत सड़क हादसें में मौत हो जाती है। इसके अलावा सड़क पर चलने वाले बाइक पैदल और साइकिल सवार की हादसों में शिकार होने की संख्या क्रमश है। कोरोना काल में सड़क हादसों के दर में काफी कमी दर्ज हुई है।
चंडीगढ़ [कुलदीप शुक्ला]। शहर की सड़कों पर कायदे-कानून की अनदेखी करके वाहन चलाना सबसे भारी पड़ता है। पांच वर्षों में 489 लोगों ने जान गवाईं है, जिसमें ठंड के मौसम में कोहरे के दौरान वाहन चालक और प्रशासन की लापरवाही भी वजह बनती है। यूटी पुलिस आंकड़ों के अनुसार प्रति माह आठ लोगों की मौत सड़क हादसें में मौत हो जाती है। जिसमें 18 से 40 वर्ष उम्र वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा सड़क पर चलने वाले बाइक, पैदल और साइकिल सवार की हादसों में शिकार होने की संख्या क्रमश: है। हालांकि, कोरोना काल में वर्ष 2020 में सड़क हादसों के दर में काफी कमी दर्ज हुई है।
इन वजह से जनवरी-दिसंबर भारी
पांच वर्षों के आंकड़ों में जनवरी-दिसंबर माह के सड़क हादसों में मौत दर्ज है। इस माह में कोहरे में ओवरस्पीड ड्राइव, बिना हेलमेट ड्राइव, रात को बिना ट्रैफिक सिंगनल वाली खाली सड़कों पर तेज रफ्तार में ड्रंक एंड ड्राइव और रेस लगाने की होड़ से हादसें होते हैं।
कोहरे में खामियां
कोहरे में कई मुख्य सड़क किनारे लोहे पोल-ग्रिल, पेड़ या अंधेरा होने से ओवरस्पीड या ड्रंक एंड ड्राइव करने वाले टकराकर हादसें का शिकार बन जाते है। इसमें ओवरस्पीड ड्राइविग, ड्रंक एंड ड्राइव, लाउड म्यूजिक में ड्राइविग, रेड लाइट जंप, रांग टर्न, रांग साइड लेन में ड्राइविग, सड़क किनारे रांग पार्किग और विदाउट हेलमेट ड्राइविग जानलेवा हादसे का कारण बनती है। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस स्पेशल एडवाइजरी जारी करने के साथ जागरुकता अभियान भी चलाती है। जिसमें वाहनों की हेड लाइट, फॉग लाइट, इंडिकेटर, ब्रेक, टायर, विडस्क्रीन वाइपर, बैटरी और कार हीटिग सिस्टम मेंटेन रख समय पर इस्तेमाल करने की सलाह शामिल होती है।
प्रति वर्ष कितनी मौत कितने घायल
साल मौत घायल
2016 144 284
2017 103 239
2018 98 219
2019 100 205
2020 45 137 (15 नवंबर तक)
ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरुकत करने के साथ पालना की अपील हर वर्ष विभिन्न पैटर्न में चलाया जाता है। वाहन चालकों पर कोहरे की मार पड़ती है, जिसमें ज्यादातर नियमों की अनदेखी मिलती है। इस बार भी विभाग की तरफ से जल्द ही बचाव के लिए कई पैटर्न पर काम शुरू किया जा रहा है।
-एसएसपी ट्रैफिक, मनोज कुमार मीणा।