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Road Safety: अनफिट वाहन सड़कों पर खतरा, स्कूल बसें सूची में सबसे ऊपर

अनफिट वाहन सड़कों पर दूसरों के जीवन के लिए खतरा बन रहे हैं। ऐसे वाहनों की सूची में स्कूल बसें सबसे ऊपर हैं। इन बसों में छोटे-छोटे बच्चे सफर करते हैं लेकिन इन बसों पर किसी का भी ध्यान नहीं है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 16 Nov 2022 10:11 AM (IST)Updated: Wed, 16 Nov 2022 10:11 AM (IST)
Road Safety: अनफिट वाहन सड़कों पर खतरा, स्कूल बसें सूची में सबसे ऊपर
सड़कों पर दौड़ रहे अनफिट वाहन खतरा। सांकेतिक फोटो

कैलाश नाथ, चंडीगढ। पंजाब में हजारों अनफिट वाहन समय के अभाव और अधिकारियों की ‘पसंद’ के कारण फिट होकर सड़कों पर दौड़ रहे हैं। ये वाहन सड़क दुर्घटनाओं का कारण भी बन रहे हैं। इन वाहनों की सूची में सबसे ऊपर स्कूलों की बसों का नाम है।

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पंजाब सरकार के परिवहन सलाहकार नवदीप असीजा तो स्कूल बसों को ‘चलता फिरता ताबूत’ बताते हैं। उनका कहना है, स्कूल बसों में बच्चे सफर करते हैं, लेकिन इनकी फिटनेस को लेकर बहुत ध्यान नहीं दिया जाता है क्योंकि वे अधिक दायरा कवर नहीं करतीं।

राज्य में पांच लाख से ज्यादा कामर्शियल वाहन हैं। इनकी फिटनेस जांच को लेकर विभाग की उदासीनता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कुछ समय पहले तक पूरे राज्य में केवल चार एमवीआइ (मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर) थे। एमवीआइ ही वाहनों की फिटनेस चेक करते हैं।

साल के 365 दिनों में सरकारी छुट्टियों एवं शनिवार व रविवार के अवकाश को छोड़ दिया जाए तो एक एमवीआइ के हिस्से में एक दिन में औसत 2,222 वाहनों की फिटनेस की जांच आती थी। विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि आठ घंटे में कोई भी 2,222 वाहनों की जांच नहीं कर सकता।

कामर्शियल वाहनों की फिटनेस को लेकर ट्रांसपोर्ट विभाग अब थोड़ा गंभीर नजर आ रहा है, लेकिन अब भी बहुत काम होना बाकी है। नियमों के अनुसार वाहनों का रजिस्ट्रेशन 15 वर्ष के लिए होता है। कामर्शियल गाड़ियों को आठ वर्ष तक दो-दो वर्षों में फिटनेस सर्टिफिकेट लेना पड़ता है। आठ वर्ष के बाद हर वर्ष फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होता है।

चार से 20 की गई एमवीआइ की संख्या

परिवहन विभाग के सचिव विकास गर्ग का कहना है कि पहले वाहनों की फिटनेस जांच के लिए चार एमवीआइ थे। अब संख्या बढ़ाकर 20 कर दी गई है। दो-तीन छोटे जिलों को छोड़ दिया जाए तो हर जिले में एक एमवीआइ है। छोटे जिले जैसे पठानकोट को गुरदासपुर, मलेरकोटला को संगरूर के साथ जोड़ा गया है। इससे अब गाड़ी की फिटनेस पर ज्यादा ध्यान भी दिया जा सकेगा।

वाहनों की जांच में तकनीक का भी होगा उपयोग

हर एमवीआइ को टैबलेट दिया गया है जिसमें एप भी होगा। यानी अब वाहनों की फिटनेस जांच के समय एप पर तस्वीर भी अपलोड करनी होगी। आम तौर पर पहले यह भी शिकायतें आती थीं कि वाहन की जांच हुई नहीं, सर्टिफिकेट जारी हो गया। तकनीक के इस दौर में अब वाहन को फिटनेस जांच के लिए ले जाना ही पड़ेगा।


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