राइट टू सर्विस पैनल के बर्खास्त सदस्यों की याचिका पर पंजाब को नोटिस
राइट टू सर्विस पैनल के बर्खास्त सदस्यों की याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब को नोटिस जारी किया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : राइट टू सर्विस पैनल के बर्खास्त सदस्यों की याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब को नोटिस जारी किया है। पूर्व सरकार ने ओर से राइट टू सर्विस एक्ट के तहत गठित किए गए आयोग के तीन सदस्यों को उनके पदों से हटा दिया था। इसके लगभग एक महीने बाद तीन कमिश्नरों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करके अपने निष्कासन को चुनौती दी है।
हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में लखविंदर सिंह और अन्य ने पंजाब विधानसभा की ओर से पारित किए गए पंजाब ट्रांसपेरेंसी एंड अकाउंटेबिलिटी इन डिलिवरी ऑफ पब्लिक सर्विस एक्ट को खारिज करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इस एक्ट के तहत पंजाब सरकार को चीफ कमिश्नर नियुक्त करने की मनमानी और अवैध शक्ति मिल गई है। अब पंजाब सरकार के अधिकारी एक सेवानिवृत्त अफसरशाह को चीफ कमिश्नर के पद पर नियुक्त कर देंगे। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई को 4 सितंबर तक स्थगित कर दी है।
पंजाब सरकार ने नया अधिनियम लाने के बहाने पद से हटाया, ये नियमों के खिलाफ
पूर्व सरकार ने ओर से राइट टू सर्विस एक्ट के तहत गठित आयोग के तीन सदस्यों को उनके पदों से हटा दिया था। इस पर याचिकाकर्ता ने कहा है कि पंजाब सरकार ने नया अधिनियम लाने के बहाने उन्हें उनक पदों से हटाया है, जबकि किसी भी कार्यकाल निर्धारित पद पर नियुक्ति को निर्धारित समय से पहले नहीं हटाया जा सकता। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि नए अधिनियम का गठन सिर्फ एक सेवानिवृत्त नौकरशाह को समायोजित करने के लिए किया गया है, जो सार्वजनिक नियुक्तियों के विधान के विपरीत है।