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फसलों को MSP में लाना सही, लेकिन प्रोडक्शन कास्ट गणना पर संशय : मनप्रीत

पंजाब के वित्‍तमंत्री मनप्रीत बादल ने केंद्रीय बजट काे निराशाजनक कहा है। इसके साथ ही उन्‍होंने 23 फसलों को एमएसपी के दायरे में लाने व हेल्थ इंश्योरेंस के बिंद़ का स्‍वागत किया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 01 Feb 2018 06:49 PM (IST)Updated: Fri, 02 Feb 2018 08:41 AM (IST)
फसलों को MSP में लाना सही, लेकिन प्रोडक्शन कास्ट गणना पर संशय : मनप्रीत
फसलों को MSP में लाना सही, लेकिन प्रोडक्शन कास्ट गणना पर संशय : मनप्रीत

जेएनएन, चंडीगढ़। कृषि राज्य पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने केंद्रीय बजट को निराशाजनक करार दिया है। लेकिन, 23 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाना को सही करार दिया है। उन्‍होंने कहा कि यह कदम अच्‍छा है, लेकिन फसलों की प्रोडक्शन कास्ट की गणना पर आशंका है। असली पेंच फसल का उत्पादन मूल्य निकालने की है। मनप्रीत ने 10 करोड़ लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में लाने का स्वागत किया है।

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पंजाब के वित्तमंत्री ने नकारा केंद्रीय बजट, कहा- राज्‍य को होगा 1000 करोड़ का नुकसान 

उन्होंने यहां अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में बजट को पंजाब के न‍जरिये से निरुत्साहित करने वाला बताया। उन्‍होने कहा कि पेट्रोलियम पर एक्साइज ड्यूटी कम करने से पंजाब को सालाना करीब एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। मनप्रीत ने कहा केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेतली ने पेट्रोलियम पदार्थों पर लगी एक्साइज ड्यूटी कम करके राहत देने की बात की है लेकिन साथ ही स्पेशल एक्साइज डयूटी बढ़ा दी है। इसका राज्यों को बीस हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा।

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उन्‍होंने कहा कि एक्साइज डयूटी में राज्यों की हिस्सेदारी 42 फीसदी है, जबकि स्पेशल एक्साइज डयूटी पूरी तरह से केंद्र की है।  उन्होंने कहा कि ऐसा करके केंद्रीय मंत्री ने राज्यों की आय में कटौती कर दी है। मनप्रीत बादल ने आशंका जताई कि केंद्र सरकार के इस फैसले से पंजाब के प्रत्येक माह करीब 90 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।

बजट में 23 फसलों को एमएसपी के दायरे में लाने व कास्ट आफ प्रोडक्शन की 50 फीसदी मुनाफा जोड़ने पर मनप्रीत बादल ने कहा कि असली मुद्दा फसल की कास्ट निकालने को लेकर है। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि केंद्र राष्ट्रीय स्तर पर फसल की कास्ट निकाल सकती है, जबकि प्रत्येक राज्य में कास्ट अलग हो सकती है। उन्‍होंने कहा किकेंद्र सरकार नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद्र की कास्ट निकालने के फार्मूले को अडाप्ट करे।

उन्‍होंने बजट में 10 करोड़ लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में लाने का स्वागत किया, लेकिन यह भी आशंका जताई कि इतने सारे लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए कोई बड़ा प्रावधान नहीं किया गया है।

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