चंडीगढ़ में हुआ रिटायर्ड कर्नल डीएस चीमा की किताब I CAN I SHALL WIN का विमोचन, यह उनकी 16वीं बुक
रिटायर्ड कर्नल डीएस चीमा की किताब जो उन्होंने खुद की सफलता और असफलता पर लिखी है का विमोचन शनिवार को किया गया। यह उनके द्वारा लिखी गई 16वीं किताब है। पुस्तक का विमोचन चंडीगढ़ प्रेस क्लब सेक्टर 27 में किया गया।
चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। मन जीते ता जीत की सोच के साथ यदि इंसान चलने लगे तो कभी हार नहीं मिलती है और मंजिल बाहें पसारे आपका इंतजार करती है। यह कहना है साहित्यकार सेवानिवृत कर्नल डीएस चीमा का। डीएस चीमा ने चंडीगढ़ लिटरेरी सोसायटी के सहयोग से 16वीं पुस्तक आई कैन आई शैल विन ( I CAN I SHALL WIN) का प्रेस क्लब सेक्टर-27 में विमोचन किया।
पुस्तक विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर हरियाणा सरकार की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सुमिता मित्रा मौजूद रहीं। यूटी प्रशासक के सलाहकार मनोज परीदा की पत्नी लिपि परीदा और सेवानिवृत विवेक अत्रेय भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
सेवानिवृत कर्नल डीएस चीमा ने बताया कि यदि हम रोजाना सुबह के दस मिनट खुद के लिए निकाल लेते हैं और तय कर लेते हैं कि हम कौन हैं और काम किसके लिए कैसे करना है तो आप गलत नहीं हो सकते। जीवन में सफलता का मन की जीत पर निर्भर करती है। इंसान की सोच सिक्के के दो पहलू की तरह है, हार और जीत। यदि इंसान काम शुरू करने से पहले ही सोच लेता है कि यह नहीं कर पाऊंगा तो कला होने के बाद भी आप उसे नहीं कर पाओगे। वहीं, यदि आप मन में ठान लेते हैं कि यह कार्य जरूर करना है तो कोई भी मुश्किल आपको रोक नहीं सकती।
कौन हैं सेवानिवृत डीएस चीमा
डीएस चीमा ने 31 साल तक भारतीय सेना में सेवाएं दी। उसके बाद मास्टर डिग्री पूरी करने के लिए विभिन्न स्कूल और कॉलेजों में प्रिंसिपल और कई प्रकार कंपनियों के साथ सलाहकार के तौर पर काम किया। चंडीगढ़ लिटरेरी सोसायटी से जुड़े होने के चलते अलग-अलग विषयों पर अब तक 15 से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित कर चुके हैं। आइ कैन आइ शैल विन पुस्तक कर्नल डीएस चीमा ने खुद की सफलता और असफलता को आधार बनाकर लिखी है।
पैशन और ड्रीम है अहम
हरियाणा सरकार में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सुमिता मित्रा ने कहा कि सफल होने के लिए जरूरी है कि आपके पास जुनून और सपना हो। जब तक इंसान के पास जुनून और सपना नहीं होगा वह भटकता रहेगा। जुनून होने के बाद इंसान को एक्शन लेने की जरूरत है। एक्शन के समय कड़ी मेहनत की जरूरत होती है जो कि कड़ी मेहनत कर गया वह मंजिल हासिल कर ही जाता है।
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