बिना अनुमति के ही खोल दिया ढाबा
तेल टैंकरों में से तेल चुरा कर ढाबा की बेसमेंट में स्टोर करते समय स्पार्किंग होने के कारण लालडू के समीप रामा पंजाबी ढाबे में जबरदस्त ब्लास्ट में मालिक समेत चार लोगों के मारे जाने के बाद प्रशासन ने मुकदमा दर्ज कर ढाबा सील कर दिया था। उक्त मामले में प्रशासन की अनदेखी से मंगलवार को बिना अनुमति से ढाबे को फिर से खोल दिया गया।
दिनेश मित्तल, डेराबस्सी
तेल टैंकरों में से तेल चुरा कर ढाबा की बेसमेंट में स्टोर करते समय स्पार्किंग होने के कारण लालडू के समीप रामा पंजाबी ढाबे में जबरदस्त ब्लास्ट में मालिक समेत चार लोगों के मारे जाने के बाद प्रशासन ने मुकदमा दर्ज कर ढाबा सील कर दिया था।
उक्त मामले में प्रशासन की अनदेखी से मंगलवार को बिना अनुमति से ढाबे को फिर से खोल दिया गया।
इस मामले में एसडीएम डेराबस्सी कुलदीप बावा ने कहा की ढाबा खोलने की अनुमति नहीं दी है और जांच जारी है। ढाबा मालिकों के खिलाफ अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डालने तथा तेल के टैंकरों में से तेल चुराने जैसे गंभीर आरोप हैं। अगर बिना अनुमति के ढाबा खोल दिया गया है, तो इसकी जांच अलग से की जाएगी।
जिक्रयोग्य है कि नेशनल हाईवे पर स्थित ढाबों में तेल टैंकरों के ड्राइवर ढाबा मालिकों को सस्ते में पेट्रोल एवं डीजल बेचते हैं। ढाबा मालिक बिना अपनी और दूसरों की जान की परवाह करते हुए अत्यंत ज्वलनशील इन पदार्थो को ढाबे में ही बिना सुरक्षा नियमों के स्टोर कर लेते हैं, जिससे कई बार बड़े हादसे हो जाते हैं। अंबाला-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर लालडू के समीप रामा पंजाबी ढाबा के मालिक भी टुल्लू पंप की मदद से टैंकरों में से तेल निकाल ढाबे की बेसमेंट में स्टोर करते थे। पिछले साल 13 नवंबर को अवैध रूप से टैंकर में से तेल चोरी करते समय अचानक टुल्लू पंप में स्पार्किंग होने की वजह से स्टोर किए डीजल, पेट्रोल में आग भड़क गई। परिणाम स्वरूप जबरदस्त धमाका हुआ और हादसे में ढाबा के मालिक जसविदर सिंह, रिश्तेदार बबलू एवं कर्मचारी विक्रम की मौके पर ही मौत हो गई थी। एक अन्य कर्मचारी संदीप कुमार की पीजीआइ में उपचार के दौरान मौत हो गई थी।
भयावह हादसे के बाद मौके पर एडीसी मोहाली अंशिका जैन, एसएसपी मोहाली सत्येंद्र सिंह, एसडीएम डेराबस्सी कुलदीप बाबा एवं प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे और न्यायिक जांच के आदेश देकर ढाबे को सील कर दिया गया था।
ढाबा मालिक जसविदर सिंह के खिलाफ जुलाई 2019 में भी अवैध तेल चुराने का मुकदमा दर्ज हुआ था। परंतु जमानत पर छूट जाने के बाद वह फिर से इस धंधे में लिप्त हो गया।
मालूम हुआ है कि टैंकरों के ड्राइवर 20 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से सस्ता तेल बेचते थे, जोकि यह ढाबा मालिक 5 से 7 रुपये तक सस्ता तेल फैक्ट्री मालिकों या ट्रक ड्राइवरों को बेच देते हैं। परंतु सब कुछ पता होते हुए भी प्रशासन की लापरवाही के चलते इस गोरखधंधे रोक नहीं लगाई जा सकी।