हेरिटेज आइटम को पेटेंट कराए प्रशासन
चंडीगढ़ की विरासत से जुड़े बेशकीमती सामान की डुप्लीकेसी रोकने के लिए इनका पेटेंट करवाया जाना चाहिए।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :
चंडीगढ़ की विरासत से जुड़े बेशकीमती सामान की डुप्लीकेसी रोकने के लिए इनका पेटेंट करवाया जाना चाहिए। इससे असली और नकली का फर्क सामने आएगा। साथ ही कहीं कोई इन डिजाइन का गलत इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। यह मांग हेरिटेज आइटम्स प्रोटेक्शन सेल चंडीगढ़ के मेंबर एडवोकेट अजय जग्गा ने प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को चिट्ठी लिखकर की है। जग्गा ने प्रशासक से अपील की है कि असली और नकली की पहचान नहीं होने का फायदा तस्कर से लेकर कई दूसरे लोग उठा सकते हैं। इसको देखते हुए जो भी हेरिटेज आइटम चंडीगढ़ से जुड़ी हैं उनका पेटेंट करवाना चाहिए। इन आइटम में फर्नीचर, मेनहाल कवर, कंक्रीट लाइट फिक्सचर आदि इसमें शामिल हैं। इससे चंडीगढ़ के डिजाइन और खोज को दूसरे देशों में भी सुरक्षित रखा जा सकेगा। चंडीगढ़ के क्रिएटर आर्किटेक्ट ली कार्बूजिए और उनके कजिन पियरे जेनरे ने यह सभी आइटम डिजाइन की थी। उनके नाम को देखते हुए इनका पेटेंट आसानी से लिया जा सकता है। हर महीने विदेशों में नीलाम हो रही आइटम
विदेशी नीलाम घरों में नियमित चंडीगढ़ का हेरिटेज फर्नीचर नीलाम होता रहा है। इन देशों की सरकार से लेकर भारत के एंबेस्डर तक को शिकायत की जा चुकी है। भारत सरकार और उससे जुड़े मंत्रालयों को तो नीलामी से पहले तक सूचना दे दी जाती है। बावजूद इसके यह नीलामी रुक नहीं पाती। अभी जनवरी माह में इस साल की पहली नीलामी यूरोप के लक्जमबर्ग देश में हुई थी। दुर्भाग्य की बात यह है कि इसकी भी सूचना पहले से सभी जांच एजेंसी को दे दी गई थी। बावजूद इसके कुछ नहीं हो पाया।