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CM के पास पहुंचा PCA में हंगामे का मामला, खुफिया विभाग ने भेजी रिपोर्ट Chandigarh News

सूत्रों की मानें तो रविवार को स्टेडियम के अंदर और बाहर हुई घटना की रिपोर्ट को खुफिया विभाग ने तैयार किया और सीएम को भेज दिया। जिसने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है।

By Edited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 11:27 PM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 12:54 PM (IST)
CM के पास पहुंचा PCA में हंगामे का मामला, खुफिया विभाग ने भेजी रिपोर्ट Chandigarh News
CM के पास पहुंचा PCA में हंगामे का मामला, खुफिया विभाग ने भेजी रिपोर्ट Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। रविवार को को पीसीए अध्यक्ष राजिंदर गुता की क्रिकेट खिलाड़ियों की बैठक नहीं होने देने मामले में सारा विवरण मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास भी पहुंच गया है। हालांकि इस मामले में सरकार की क्या प्रतिक्रिया होगी, इसके बारे में कहना मुश्किल होगा। सूत्रों की मानें तो रविवार को स्टेडियम के अंदर और बाहर हुई घटना की रिपोर्ट को खुफिया विभाग ने तैयार किया और सीएम को भेज दिया। जिसने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है। वहीं पिछले दो दिनों की घटनाओं ने एक बार पीसीए की छवि को बहुत नुकसान पहुंचाया है।

स्टेडियम में ऐसे शख्स भी पहुंचे थे जिनका क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं
इन रिपोर्टों के अनुसार, रविवार सुबह स्टेडियम में बड़ी संख्या में लोगों ने प्रवेश किया, जिनमें से कई गैर-क्रिकेटर और गैर-खिलाड़ी थे। इनमें से कुछ समूहों की तस्वीरें भी रिकॉर्ड में हैं। एक तस्वीर होशियारपुर क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव के साथ है, जिसमें काफी युवा ऐसे हैं, जिनका क्रिकेट में कोई लेना-देना नहीं है। यह भी आशंका थी कि ऐसे लोगों को बैठक रोकने के लिए बुलाया गया होगा। यदि बैठक रद्द न होती, तो माहौल हिंसक हो सकता था।

आठ सितंबर तय की गई है चुनाव की तारीख
दूसरी ओर, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि पीसीए अध्यक्ष राजिंदर गुप्ता और सचिव आरपी सिंगला का इस्तीफा मंजूर किया गया है या नहीं। यह भी सवाल है कि पीसीए चुनाव सितंबर 8 के लिए निर्धारित होने पर इसे मंजूरी देने या अस्वीकार करने का अधिकार किसके पास है। राजिंदर गुप्ता ने तनावपूर्ण स्थिति के दौरान अपने इस्तीफे की घोषणा की। उस शाम बाद में सिंगला ने लिखित रूप में अपना इस्तीफा सौंप दिया। ये सवाल भी उठ रहे हैं

उल्लेखनीय है कि राजिंदर गुप्ता ने पदाधिकारियों की नियुक्ति के बारे में जो गंभीर सवाल उठाया था, वह एक सितंबर को उठाया था। 18 अगस्त को प्रेजिडेंट और अन्य पदाधिकारियों की बैठक में चुनाव की तारीख का एजेंडा नहीं उठाया गया था। तो किस बैठक में और किसने चुनाव कराने का फैसला किया? सवाल ये भी उठाए जा रहे हैं कि उसके बाद कोई बैठक क्यों नहीं कर रहा था? या बाद में एक सितंबर की मीटिंग क्यों रद की गई थी? क्या इसका कोई अनुपूरक एजेंडा बनाया गया है?

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