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दिव्यांग युवाओं के हौसलों को रेखा ने दी उड़ान, क्रिकेट में बना रहे अपनी अलग पहचान

दिव्यांग युवाओं से मिली प्रेरणा से रेखा त्रिवेदी ने क्रिकेट फेडरेशन बनाने की ठानी और इस लक्ष्य को तीन साल की कड़ी मेहनत से हासिल भी कर लिया।

By Sat PaulEdited By: Published: Mon, 03 Dec 2018 12:50 PM (IST)Updated: Mon, 03 Dec 2018 12:50 PM (IST)
दिव्यांग युवाओं के हौसलों को रेखा ने दी उड़ान, क्रिकेट में बना रहे अपनी अलग पहचान
दिव्यांग युवाओं के हौसलों को रेखा ने दी उड़ान, क्रिकेट में बना रहे अपनी अलग पहचान

[चंडीगढ़, विकास शर्मा] सेक्टर -23 के मदर टेरेसा होम में रहने वाला दिव्यांग रोहित जोन रोजाना वहां रहने वाले अन्य बच्चों के साथ क्रिकेट खेलता था। यह बच्चे दीवार पर कोयले से तीन विकेट बनाकर टेनिस की बॉल से क्रिकेट खेलते थे। रोहित व्हीलचेयर के सहारे चल पाता था, लेकिन सामान्य बच्चों से बहुत अच्छा खेलता था। इसी दौरान बतौर वालंटियर काम कर रही सामाजिक कार्यकर्ता रेखा त्रिवेदी से एक दिन रोहित ने बड़ी मासूमियत से पूछा कि क्या मैं भी कभी टीम इंडिया में खेल सकता हूं। रेखा ने बताया कि यह पल ऐसा था कि मैं बयान नहीं कर सकती, मैंने उस बिन मां -बाप के बच्चे को आश्वासन देते हुए कहा कि एक दिन वह जरूर बड़ा क्रिकेटर बनेगा। उसकी बात ने मुझे कई दिन नहीं सोने दिया। रोहित जोन इन्हीं शब्दों ने मुझे प्ररेणा दी और मैंने व्हीलचेयर क्रिकेट फेडरेशन बनाने की ठान ली। आज रोहित पंजाब की टीम की तरफ से खेलता है।

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भविष्य में इसका दायरा और बढ़ाएंगे

व्हीलचेयर क्रिकेट इंडिया फेडरेशन की प्रेसिडेंट रेखा त्रिवेदी ने बताया कि उन्हें तीन साल इसी दिशा में काम करते हुए हो गए हैं, उनका मकसद यही है कि इन दिव्यांग युवाओं में असमानता का भाव न आए, इनकी भी टीम हो और उनकी भी प्रतियोगिताएं हों, उन्हें भी देश के लिए खेलने का मौका मिले, इसलिए उन्होंने व्हीलचेयर क्रिकेट को प्रमोट करने का फैसला लिया। आज यह हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और जम्मू कश्मीर में हमने सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अंतर्गत स्पोटर्स फेडरेशन का रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। इसी के तहत हमने साल 2017 में पीयू में क्रिकेट में और साल 2018 में पेक में व्हील चेयर क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन करवाया। उम्मीद है कि भविष्य में हम इसका दायरा और बढ़ाएंगे।

हौसले के आगे दिव्यांगता कमजोर

इन दिव्यांग खिलाडिय़ों को फ्री में क्रिकेट की कोचिंग देने वाले पूर्व रणजी खिलाड़ी अभिषेक ने बताया कि यह खिलाड़ी शरीरिक तौर पर कमजोर जरूर हैं, लेकिन इसके हौसले काफी बुलंद है, यह खिलाड़ी अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं, अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं। चलने में जरूर यह अक्षम हैं, लेकिन व्हीलचेयर की बदौलत यह फील्डिंग भी अच्छी कर रहे हैं।

क्रिकेट के सहारे दिव्यांग मानसिकता को मिटाना मकसद

रेखा त्रिवेदी ने बताया कि उनका मकसद सिर्फ इतना है कि यह क्रिकेट के सहारे वह इन दिव्यांग युवाओं से दिव्यांग मानसिकता को मिटा सकें। इसी कड़ी में रविवार को दिव्यांग और सामान्य युवाओं के बीच मैच मैच करवाया गया। शर्त इतनी थी कि इन सामान्य युवाओं ने भी व्हीलचेयर पर बैठकर मैच खेला। इस मैच को दिव्यांग लोगों ने जीत लिया। उन्होंने कहा कि उनकी यही कोशिश यही है कि इन लोगों में समानता का भाव आए।

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