अमरिंदर नए मुख्य सचिव की नियुक्ति में सोनिया गांधी की मानेंगे या अजित डोभाल को देंगे तवज्जो
पंजाब के मुख्य सचिव करण अवतार सिंह अगस्त में रिटायर होंगे लेकिन इस पद के लिए रेस शुरू हो गई है। नए चीफ सेक्रेटरी के लिए जोर आजमाइश तेज है। इसमें दिल्ली का दबाब भी असर डालेगा।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के मुख्य सचीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह के सेवानिवृत्त होने में भले ही अभी तीन माह का समय बाकी है, लेकिन उनका स्थान लेने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के बीच रेस शुरू हो गई है। नए चीफ सेक्रेटरी को लेकर जोर आजमाइश तेज हो गई है। अहम पहलू यह है कि इस बार चीफ सेक्रेटरी का नाम दिल्ली के दबाव में तय होने की संभावना है। फिलहाल रेस में तीन अधिकारी केबीएस सिद्धू, विनी महाजन और विश्वजीत खन्ना नजर आते हैं।
कांग्रेस हाईकमान की पसंद बताए जाते हैं केबीएस सिद्धू
सबसे सीनियर अधिकारी केबीएस सिद्धू कांग्रेस हाईकमान के करीबी बताए जाते हैं। बताया जाता है कि नंबर दो पर आने वाली विनी महाजन के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का जोर लगा सकते हैं। विनी डीजीपी दिनकर गुप्ता की पत्नी हैं और माना जाता है कि दिनकर गुप्ता को डोभाल का समर्थन है।
दिल्ली दरबार की जोर आजमाइश का अगर हल नहीं निकला तो फिर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ही पूरी तरह चलेगी। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पसंद वरिष्ठता में नंबर तीन पर रहने वाले विश्वजीत खन्ना माने जा रहे हैं।
अजीत डोभाल की चली तो डीजीपी की पतनी विनी महाजन को मिल सकती है कमान
नए चीफ सेक्रेटरी के लिए विनी महाजन का कद सबसे भारी-भरकम है क्योंकि वह डीजीपी की पत्नी होने के साथ ही मुख्यमंत्री के विश्वासपात्र अधिकारियों में सबसे अगली कतार में हैं। भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो अजीत डोभाल और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के संबंध भी काफी अच्छे हैं। दिनकर गुप्ता जब डीजीपी बने तब भी यह चर्चा थी कि डोभाल की सिफारिश को ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने माना।
इस सारे समीकरण में विनी महाजन के विरोध में यह बात जाती है कि एक परिवार में ही प्रदेश की सबसे पावरफुल दोनों पोस्टें चली जाएंगी। राज्य के लोगों में संदेश अच्छा नहीं जाएगा कि पति डीजीपी और पत्नी चीफ सेक्रेटरी। माना जा रहा है कि विनी महाजन के नए चीफ सेक्रेटरी बनने में यह अड़चन सबसे बड़ी है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमङ्क्षरदर की पसंद हैं वरिष्ठता में नंबर तीन पर विश्वजीत खन्ना
वरिष्ठता सूची में केबीएस सिद्धू सबसे आगे हैं और इन सभी अधिकारियों से तीन साल सीनियर हैं। वह 1984 बैच के हैं, लेकिन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पसंदीदा सूची में शामिल नहीं हैं। यह अलग बात है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबी हैं। इसका लाभ उन्हेंं मिल सकता है।
इन समीकरणों और दबावों के बावजूद मुख्यमंत्री यदि अपनी पसंद को प्राथमिकता देते हैं तो विश्वजीत खन्ना का दांव लग सकता है। उल्लेखनीय है कि मौजूदा चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह अगस्त में सेवानिवृत्त होंगे। बता दें कि करण अवतार सिंह का पिछले कैप्टन अमरिंदर सरकार के कई मंत्रियों से हो गया था। मंत्रियों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और उनको हटाने के लिए भी दबाव बना डाला था। बाद में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के हस्तक्षेप से पूरा विवाद सुलझाया था।
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