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अकाली दल में टकसाली नेता बनेंगे चुनौती, अलग फ्रंट बनाने की तैयारी

ढींढसा और ब्रह्मपुरा के बगावती सुर के बाद अब अजनाला ने जल्द अकाली दल बचाओ लहर मुहिम शुरू करने के संकेत दिए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 11:02 AM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 04:04 PM (IST)
अकाली दल में टकसाली नेता बनेंगे चुनौती, अलग फ्रंट बनाने की तैयारी
अकाली दल में टकसाली नेता बनेंगे चुनौती, अलग फ्रंट बनाने की तैयारी

जेएनएन, चंडीगढ़। पंथक मुद्दों को लेकर अकाली दल के भीतर उठ रहे बगावती सुर और तेज होने लगे हैैं। पंथक मुद्दों पर कांग्रेस और आप के निशाने पर चल रहे अकाली दल को टकसाली अकाली नेताओं ने भी घेरना शुरू कर दिया है। अकाली हलकों में इस बात को लेकर चर्चाएं तेज होने लगी हैैं कि माझा के टकसाली अकाली अलग फ्रंट बनाने की तैयारी में हैैं। इसके लिए साइडलाइन चल रहे पुराने अकालियों को एकजुट किया जा रहा है।

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उधर, बगावती सुर अपनाने वाले टकसाली नेता डॉ. रतन सिंह अजनाला ने अब इस बात के संकेत दिए हैैं कि पंजाब में जल्द ही 'अकाली दल बचाओ लहर' शुरू होगी। जिसके तहत टकसाली अकाली माझा, दोआबा और मालवा में दौरे करेंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा अकाली दल में टकसाली अकालियों की कोई सुनवाई नहीं है और यह असली अकाली दल नहीं है। लोग जिसे प्यार करेंगे वही असली अकाली दल होगा।

मालवा के वरिष्ठ अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींढसा, माझा के टकसाली नेता रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा द्वारा पार्टी पदों से इस्तीफा दिए जाने के बाद डॉ. रतन सिंह अजनाला लगातार पार्टी लीडरशिप पर हमले कर रहे हैैं। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि अकाली दल पर केवल एक परिवार नहीं बल्कि वर्कर राज करेंगे। बेअदबी कांड और डेरा मुखी को माफी अकाली दल की हार के दो बड़े कारण हैैं। हाईकमान ने बिना किसी से सलाह किए अपने स्तर पर ही डेरा मुखी को माफी दे दी।

वहीं, पिछले दिनों राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींढसा ने खराब सेहत का हवाला देते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने डेरा सिरसा मुखी को माफी देने के मुद्दे पर तत्कालीन जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को जिम्मेदार ठहराते हुए माना था कि डेरा मुखी को माफी देना और बहिबल कलां गोली कांड पूर्व सरकार की बड़ी गलतियां थीं। इसके बाद बादल ने ढींढसा को मनाने भी गए पर वह नहीं माने। इसके कुछ दिन बाद ही रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने इस्तीफा दे दिया था।

अब डॉ. अजनाला बादल परिवार पर परिवारवाद के आरोप लगाए जा रहे हैैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनाने के लिए प्रकाश सिंह बादल को अपनी पुत्रवधु और पंजाब में उप मुख्यमंत्री के लिए अपना बेटा ही नजर आता है। वरिष्ठ अकालियों को नजरअंदाज किया जाता है।

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