डीसी के आदेशों की उल्लघंना के मामले में रवनीत बिट्टू बरी Chandigarh News
सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को आठ साल बाद अदालत से राहत मिल गई है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। धारा-144 का उल्लघंन करने के मामले में आरोपित पंजाब के लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को आठ साल बाद अदालत से राहत मिल गई है। जिला अदालत में जज सचिन त्यागी ने उन्हें सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। रवनीत के वकील तरमिंदर सिंह ने बताया कि रवनीत को इस केस में फंसाया गया था। डीसी द्वारा जो ऑर्डर पारित किया गया था, वह न तो उस समय एसआइ ईरम रिजवी के पास था न ही किसी दीवार पर लगा था और न ही किसी अखबार में प्रकाशित हुआ था। अभियोजन पक्ष ने इस केस में पांच गवाह अदालत में पेश किए थे। लेकिन कोई भी स्वतंत्र गवाह पेश नहीं किया।
इसके अलावा अभियोजन पक्ष ने पीजीआइ के सिक्योरिटी में तैनात गार्ड को भी गवाह के रूप में पेश नहीं किया। डीसी द्वारा पारित किया ऑर्डर किसने प्राप्त किया, उस शख्स को भी अदालत में गवाह के रूप में पेश नहीं किया। इसके अलावा जब मामले का ट्रायल अदालत में शुरू होना था तब मामले की ओरिजिनल एफआइआर और डीसी द्वारा जारी ऑर्डर को पेश नहीं किया गया था। इन आधारों पर अदालत ने रवनीत बिट्टू का बरी कर दिया।
आठ साल पहले किया था प्रदर्शन
17 मार्च 2011 को दर्ज मामले के अनुसार कांग्रेसी नेता रवनीत बिट्टू समर्थकों के साथ पीजीआइ चौक पर प्रदर्शन कर रहे थे। यहां से वे समर्थकों समेत पीजीआइ में दाखिल हुए, वहां धारा 144 लगी थी। इस पर पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोका लेकिन बिट्टू जबरन समर्थकों समेत पीजीआइ में चले गए और वहां प्रदर्शन किया। इसके बाद सेक्टर-11 थाना पुलिस ने पीजीआइ चौकी इंचार्ज ईरम रिजवी की शिकायत पर रवनीत बिट्टू के खिलाफ डीसी के आदेशों की अवहेलना करते हुए धारा 144 के उल्लंघन पर आइपीसी 188 के तहत केस दर्ज किया था।
मुझे इस केस में फंसाया गया था। लेकिन उन्हें अदालत और कानून पर विश्वास था और इसकी बदौलत आज वह इन आरोपों से बरी हुए हैं। -रवनीत सिंह बिट्टू, एमपी, लुधियाना।
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