ट्रेन में चूहों ने कुतरा यात्री का बैग, उत्तर रेलवे पर 20 हजार जुर्माना Chandigarh News
यह घटना चंडीगढ़ से वाराणसी ट्रिप के दौरान एक दंपत्ति के साथ हुई। वहीं रेलवे ने दलील दी है कि चूहों के लिए हर कोच में रोडेंट बॉक्स भी लगाए हुए हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। ट्रेन में सवार हो वाराणसी से नई दिल्ली आ रहे चंडीगढ़ के दंपती का बैग चूहों ने कुतर दिया था। इस पर कंज्यूमर फोरम ने चंडीगढ़ स्थित उत्तर रेलवे स्टेशन के जनरल मैनेजर पर 20 हजार रुपये हर्जाना लगाया है। फोरम ने यह पैसे रेलवे द्वारा शिकायतकर्ता को मुआवजे के रूप में देने के लिए कहा है।
सेक्टर-15 निवासी बीबी मित्तल ने कंज्यूमर फोरम में दी अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने और उनकी पत्नी ने चंडीगढ़ से वाराणसी ट्रिप पर जाने का प्लान बनाया था। इसके लिए उन्होंने चंडीगढ़ स्थित उत्तर रेलवे स्टेशन से आने जाने की टिकट खरीदी।
इसके लिए उन्होंने 2145 रुपये का भुगतान उक्त रेलवे स्टेशन को किया। जब वह दोनों वाराणसी से नई दिल्ली आने के लिए वाराणसी रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो वहां पर पता चला कि ट्रेन छह घंटे देरी से चलेगी। उन्होंने बताया कि इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई। इस वजह से उन्हें और उनकी पत्नी को ट्रेन पकड़ने के लिए अगले दिन तक इंतजार करना पड़ा।
हर जगह फैली थी गंदगी, घूम रहे थे चूहे
इसके बाद अगले दिन वह ट्रेन में बैठ गए और रात को सो गए। जब अगली सुबह उठे तो वह देखकर हैरान हो गए कि एसी क्लास होने के बावजूद उनके बैग को चूहों ने कुतर रखा था। इसके अलावा पूरा एसी क्लास कोच साफ नहीं था। हर जगह गंदगी होने के साथ चूहे घूम रहे थे। चार अप्रैल 2018 को दोनों चंडीगढ़ पहुंच गए जिसके बाद मित्तल ने उक्त रेलवे स्टेशन को ऑनलाइन शिकायत दी। इस पर रेलवे स्टेशन की तरफ से जवाब आया कि उन्होंने उनकी शिकायत को दर्ज कर लिया और उसे बंद भी कर दिया है। जब रेलवे स्टेशन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की तो परेशान होकर मित्तल ने कंज्यूमर फोरम का दरवाजा खटखटाया।
रेलवे की कोई दलील नहीं आई काम
वहीं रेलवे स्टेशन के जनरल मैनेजर ने अपने पक्ष में दलील देते हुए कहा कि वाराणसी से नई दिल्ली के लिए जो ट्रेन आनी थी, उस ट्रेक पर रास्ते में काम चल रहा था। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही ट्रेन करीब पांच घंटे लेट पहुंची थी। बताया कि 30 अगस्त 2018 को जब ट्रेन चली थी तो सभी कोच को साफ करके ही चलाया गया था। रास्ते में भी हाउसकीपिंग सर्विस प्रोवाइड की जाती है।
इसके अलावा चूहों के लिए हर कोच में रोडेंट बॉक्स भी लगाए हुए हैं। इसलिए उनकी तरफ से सर्विस में कोई कोताही नहीं बरती गई है। वहीं, फोरम ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद उत्तर रेलवे को दोषी पाते हुए उस पर बीस हजार रुपये हर्जाना लगाया है।
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