बरगाड़ी मामले में पूर्व सरकार व पुलिस ने नहीं किया सही काम: आयोग
रंजीत सिंह आयोग ने बरगाड़ी कांड पर अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को शनिवार को सौंप दी। सरकार ने अब इसके अनुरूप कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।
जेएनएन, चंडीगढ़। फरीदकोट के बहिबल कलां में 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और इसके विरोध में बरगाड़ी में हुए गोलीकांड को लेकर रिटायर्ड जस्टिस रंजीत सिंह ने अपनी पहली सीलबंद रिपोर्ट मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को सौंप दी। आयोग की रिपोर्ट में घटना से निपटने में पुलिस और पूर्व अकाली-भाजपा सरकार पर सवाल उठाए हैं। आयोग ने कहा कि उस समय पुलिस और तत्कालीन सरकार ने ठीक से काम नहीं किया।
182 पेज की रिपोर्ट को चार हिस्सों में बांटा गया है। इसमें 257 लोगों की गवाही दर्ज है। आयोग ने कहा कि बहुत सारे मामलों में पुलिस व पूर्व सरकार ने सही ढंग से काम नहीं किया। आयोग ने ऐसे पुलिसकर्मियों व अन्य लोगों के बारे में रिपोर्ट में टिप्पणी की है, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया। आयोग ने कहा कि समय पर जांच की जाती तो अच्छे नतीजे निकल सकते थे। जांच में सुबूतों की कमी महसूस हुई।
रंजीत सिंह आयोग ने बरगाड़ी कांड की जांच रिपोर्ट सीएम को सौंपी
इस बीच सीएम ने आगामी कार्रवाई पर राय के लिए रिपोर्ट एडिशनल चीफ सेक्रेटरी होम एनएस कलसी और एडवोकेट जनरल अतुल नंदा को भेज दी है। गौरतलब है कि वर्ष 2015 में बहिबल कलां में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के विरोध में बरगाड़ी में हुए गोलीकांड में दो युवकों की मौत हो गई थी।
जख्मी जीत सिंह की मदद की सिफारिश कैप्टन ने मानी
रिपोर्ट के अनुसार कोटकपूरा में 19 साल का जीत सिंह भी जख्मी हुआ था, जिसे पहले गवाह नहीं बनाया गया। वह अब सारी उम्र काम नहीं कर सकता। आयोग ने सरकार को उसकी मदद की सिफारिश की है, जिसे कैप्टन ने मान लिया है।
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एसजीपीसी भी शामिल होती तो बेहतर सुझाव मिलते
आयोग ने कहा की अगर एसजीपीसी भी जांच में शामिल हो जाती तो श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी रोकने के लिए अच्छे सुझाव मिल सकते थे। रिपोर्ट में गांव बुर्ज सिंह वाला, गुरुसर और मलके के साथ साथ बहिबल कलां व कोटकपूरा में हुई घटनाओं को शामिल किया गया है।
जोरा सिंह आयोग की रिपोर्ट को कर दिया था खारिज
पूर्व अकाली-भाजपा सरकार ने भी जांच के लिए जस्टिस जोरा सिंह की अगुवाई में एक आयोग बनाया था, लेकिन कैप्टन सरकार ने रिपोर्ट को अधूरा बताते हुए इसे खारिज कर दिया था और अप्रैल 2017 में नया आयोग बनाया था। बता दें कि पिछले साल सत्ता में आते ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अप्रैल 2017 में बरगाड़ी कांड समेत सभी धार्मिक ग्रंथों की हुई बेअदबी की घटनाओं की जांच के लिए आयोग का गठन किया था। कैप्टन सरकार ने बादल सरकार द्वारा गठित किए गए जस्टिस जोरा सिंह की रिपोर्ट को अधूरा बताते हुए खारिज कर दिया और नया आयोग गठित किया।
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जो भी दोषी होगा, बख्शा नहीं जाएगा: कैप्टन
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि रिपोर्ट में जो भी दोषी पाया गया उसे बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने विशेष जांच टीम को भी बधाई दी, जिन्होंने बेअदबी की घटनाओं के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। याद रहे कि विशेष जांच टीम ने डेरा सच्चा सौदा के चार अनुयायियों को फरीदकोट जिले के गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला और बरगाड़ी कांड के तीन साल पुराने साल पुराने बेअदबी के केसों में गिरफ्तार किया था।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गिरफ्तारी से सीबीआइ को भी मदद मिलेगी जो इस केस की जांच कर रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने बेअदबी की घटनाओं की निष्पक्ष जांच का वादा किया था आैर उसे पूरा किया है।
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'' मैंने संबंधित लोगों से बात करके रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। अब इस पर क्या एक्शन लेना है, यह देखना सरकार का काम है और वही मीडिया में इसे सार्वजनिक करेंगे।
- जस्टिस रंजीत सिंह, आयोग के प्रमुख।