अब जिम्मेदारी दोगुनी हो गई है : राणा रणबीर
एक्टर राणा रणबीर ने कुछ इन्हीं शब्दों में लेखक और निर्देशक बनने की दोहरी जिम्मेदारी पर बात की।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : फिल्म को लिखना जितना जरूरी है उतना ही उसका निर्देशन भी। निर्देशन के बाद ऐसा लगता है कि जिम्मेदारी दोगुनी हो गई है। एक लेखक जितना जिम्मेदार होता है उतना ही उसे बनाने वाला निर्देशक भी। एक्टर राणा रणबीर ने कुछ इन्हीं शब्दों में लेखक और निर्देशक बनने की दोहरी जिम्मेदारी पर बात की। सोमवार को वह अपनी फिल्म असीस पर बात करने पहुंचे। उनके साथ फिल्म के प्रोड्यूसर लवप्रीत सिद्धू और एक्टर कुलजिंदर सिद्धु भी शामिल हुए। मां-बेटे के रिश्ते को दर्शाना सबसे मुश्किल
राणा ने कहा कि मां के प्यार की गहराई को शब्दों में नापना अकसर मुश्किल होता है। मेरी फिल्म भी मां बेटे के रिश्ते पर आधारित है। दोनों का प्यार स्क्रीन पर लिखने के लिए बहुत समय मांगता है। फिल्म को लिखने के लिए ही ज्यादा समय लगा। मैं चाहता था कि अपनी लेखनी से लोगों को प्रभावित करूं। इसमें लीड किरदार कुलजिंदर सिद्धू निभा रहे हैं, जो आपको दर्शाएंगे कि मैंने कैसे उनके किरदार को लिखा है। ऐसी फिल्म को प्रोड्यूस करना जरूरी है ऐसे में लवप्रीत का भी धन्यवाद करना चाहता हूं। जिन्होंने इस फिल्म को बनाने का अवसर दिया। मैंने इससे पहले कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित डॉक्यूमेट्री बनाई। रंगमंच पर कितने ही किरदार निभाए, पाश की कविताएं और उनकी जिंदगी रंगमंच पर पेश की। ऐसे में इन सबसे निकलकर अपना पूरी स्वरूप में इस फिल्म में दिखा रहा हूं। इसमें मेरे दोस्त गिप्पी ग्रेवाल ने भी मदद की।
गिप्पी ग्रेवाल की गेस्ट अपीयरेंस
फिल्म में गिप्पी ग्रेवाल ने गेस्ट अपीयरेंस दी है जो महत्तवपूर्ण है। सच कहूं तो इंडस्ट्री से मुझे बहुत प्यार मिला है। हर कोई मुझे अपना छोटा भाई समझता है, चाहे मैं उनकी उम्र से बड़ा भी हूं, क्योंकि मेरा कद ही दरअसल छोटा है। हालांकि किसी ने कभी मेरे कद का मजाक नहीं उड़ाया, बेशक हमारा प्रोफेशन कॉमेडी से ही जुड़ा है। हालांकि अब निर्देशक बन गया हूं तो कोई ये बात मेरे सामने नहीं करता कि मेरा कद छोटा है।