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गिरते भूजल स्तर को बचाने की कोशिश, मोहाली में सात सरकारी इमारतों पर 27 लाख से बनेंगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू और डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने कहा कि जमीन के नीचे का पानी दूषित होता जा रहा है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से पानी को दूषित होने से बचाया जा सकेगा। साथ ही भूमिगत पानी का भूजल स्तर बढ़ जाएगा।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sat, 18 Dec 2021 02:38 PM (IST)Updated: Sat, 18 Dec 2021 02:38 PM (IST)
गिरते भूजल स्तर को बचाने की कोशिश, मोहाली में सात सरकारी इमारतों पर 27 लाख से बनेंगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
मोहाली निगम ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने के लिए 27 लाख रुपये की मंजूरी दी है। सांकेतिक चित्र

जागरण संवाददाता, मोहाली। मोहाली नगर निगम ने गिरते भूजल स्तर को बचाने के लिए नई योजना पर काम शुरू किया है। शहर की सरकारी इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए 27 लाख रुपये की मंजूरी दी गई है।

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मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू ने बताया कि जल्द ही इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शहर में भूजल स्तर बड़ी तेज गति से गिर रहा है। जिले में हर साल औसतन करीब सात फीट जलस्तर गिर रहा है। जो कि जिला प्रशासन के लिए बड़ी चिंता का विषय है। ऐसे में नगर निगम ने प्रयास करते हुए बरसाती पानी को धरती के नीचे भेजकर पानी को रिचार्ज करने की योजना बनाई है।

निगम अधिकारियों के मुताबिक बरसाती पानी ड्रेन के माध्यम से नालियों में जाता है। जबकि धरती के नीचे का पानी और नीचे जा रहा है, साथ ही पानी दूषित हो रहा है। मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू और डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने कहा कि जमीन के नीचे का पानी दूषित होता जा रहा है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से पानी को दूषित होने से बचाया जा सकेगा। साथ ही भूमिगत पानी का भूजल स्तर बढ़ जाएगा। इससे इलाके के लोगों का फायदा होगा और यह सारा काम विशेषज्ञों की मौजूदगी में किया जाएगा।

पहले चरण में नगर निगम की ओर से कुछ चुनिंदा इमारतों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किए जाएंगे। इनमें पुरानी फायर स्टेशन की इमारत, नए फायर ब्रिगेड बिल्डिंग की इमारत और निगम के कांप्लेक्स फेज-5 में लगाया जाएगा। यह प्रयोग कामयाब रहा तो इसे आगे बढ़ाया जाएगा। हार्वेस्टिंग सिस्टम के तहत बिल्डिंग में डाली गई पाइपों को नीचे तक ले जाया जाएगा। साथ ही गड्ढा खोदकर उसमें रेत, बजरी, कोला और अन्य सामग्री डाली जाएगी। जिसमें पानी प्रदूषित रहित नीचे जमीन में जाएगा। नगर निगम की ओर से पूरे शहर में बरसाती पानी को स्टोर करने के लिए यह कार्रवाई शुरू की गई है। इसके लिए मोहाली में जल सेहत विभाग के अधीन आती टंकी वाली जगह, नगर निगम के अधीन आते पार्क, सामुदायिक केंद्र और सभी ऐसी जगह जहां पानी को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है, उस पर काम किया जाएगा। वहीं नगर निगम के अधिकारी अन्य चीजों पर भी काम कर रहे हैं।


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