बारिश ने खोली निगम की पोल, हर जगह जलभराव, शहर का ट्रैफिक भी थमा
बारिश ने ही वीरवार को नगर निगम की पोल खोल दी।हर कोई स्मार्ट सिटी चंडीगढ़ में प्रशासन और नगर निगम की कारगुजारी पर सवाल खड़ा कर रहा था।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर में वीरवार को हुई बारिश ने ही वीरवार को नगर निगम की पोल खोल दी। जबकि निगम हर साल एक करोड़ से ज्यादा की राशि रोड-गलियों की सफाई पर खर्च करता है। लेकिन सुबह हुई बारिश में शहर में इस तरह से जलभराव हो गया कि हर कोई स्मार्ट सिटी चंडीगढ़ में प्रशासन और नगर निगम की कारगुजारी पर सवाल खड़ा कर रहा था। शहर की सभी प्रमुख सड़कें तलाब में तबदील हो गई थी। सड़क और चौक पूरी तरह से पानी में डूब गए। बस स्टैंड का चौक पानी जमा होने के कारण नजर भी नहीं आ रहा था। जलभराव के कारण शहर का ट्रैफिक भी थम गया, जिस कारण जाम की स्थिति बन गई। बारिश समाप्त होने के बावजूद शहर में पानी लंबे समय तक जमा रहा। लोगों का कहना है कि अभी यह हाल है, तो मानसून में शहर का क्या होगा। पानी जमा होने के बावजूद जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी कहीं पर भी पानी निकालते नहीं दिखाई दिए। शहर के पार्को में शाम तक पानी जमा रहा, जिस कारण बच्चों को खेलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ा। सेक्टर-26 मंडी में जगह-जगह कीचड़ हो गया।
सेक्टर-17 के ओवरब्रिज की छत भी टपकी
इस बारिश में सेक्टर-17 के ओवरब्रिज की छत भी टपकने लग गई। इसके नीचे दुकानें बनी हुई हैं। पानी टपकने से यहां के व्यापारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जलभराव की स्थिति को चेक करने के लिए नगर निगम का कोई अधिकारी सड़क पर नहीं उतरा। सेक्टर-17 की मल्टीलेवल पार्किग की छत भी इस बारिश में टपकने लग गई। जबकि सेक्टर-7 और 23 के कई सरकारी मकानों के अंदर पानी घुस गया। कॉलोनियों और गांवों में जगह-जगह पानी जमा हो गया। शहर में 30 हजार रोड-गलियां शहर में 30 हजार रोड-गलियां हैं। बारिश के समय शहर में जलभराव का एक बड़ा कारण यह है कि नगर निगम की ओर से पूरा साल रोड-गलियों की सफाई नहीं की जाती। जिस कारण इनमे गंदगी जमा हो जाती है। मानसून से पहले ही नगर निगम हर साल एक करोड़ रुपये का टेंडर सफाई के लिए अलॉट करता है।
एक घंटे में 25 मिमी बारिश ही झेल सकता है ड्रेनेज सिस्टम
शहर में जो पानी की निकासी के लिए अंदरुनी ड्रेनेज सिस्टम है, वह भी अब काफी कमजोर हो गया है। जनस्वास्थ्य विभाग के अनुसार एक घंटे में 25 मिमी बारिश ही ड्रेनेज सिस्टम झेल सकता है, अगर इससे ज्यादा बारिश होगी, तो जलभराव होना लाजिमी ही है। जबकि मानसून में एक एक घंटे में 50 से 60 मिमी बारिश भी हो जाती है। पेड़ भी गिरे इस बारिश में सड़कों और पार्किग में लगे पेड़ भी कमजोर होकर गिर गए। शहर के पेड़ इस तरह से कमजोर हो गए हैं कि हर बारिश और तेज हवा में एक दर्जन से ज्यादा पेड़ गिर जाते हैं। कई जगह पर पेड़ की बड़ी-बड़ी टहनियां भी गिरी हैं।