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पीयू एफिलिएटेड एसपीएन कालेज में प्रिसिपल की नियुक्ति पर उठे सवाल, पीयू प्रशासन भी कटघरे में

पंजाब यूनिवर्सिटी एफिलिएटेड एडिड कालेज में प्रिसिपल की नियुक्ति का मामला विवादों में है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 06:39 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 06:39 AM (IST)
पीयू एफिलिएटेड एसपीएन कालेज में प्रिसिपल की नियुक्ति पर उठे सवाल, पीयू प्रशासन भी कटघरे में
पीयू एफिलिएटेड एसपीएन कालेज में प्रिसिपल की नियुक्ति पर उठे सवाल, पीयू प्रशासन भी कटघरे में

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी एफिलिएटेड एडिड कालेज में प्रिसिपल की नियुक्ति का मामला विवादों में है। पंजाब स्थित होशियारपुर जिले के मुकेरियां स्थित एसपीएन कालेज में 2020 में प्रिसिपल पद पर नियुक्ति हुए डा. समीर शर्मा की नियुक्ति पर डा. तरुण घई ने सवाल खड़े किए हैं। आरोप है कि पीयू प्रशासन की मिलीभगत से डा. समीर को अयोग्य होने के बावजूद प्रिसिपल नियुक्ति कर दिया गया। डा. तरुण घई हाल ही में पीयू सीनेट में कालेज टीचर्स चुनाव क्षेत्र से जीते थे, लेकिन उनकी नियुक्ति का मामला फिलहाल हाई कोर्ट में लंबित है। घई ने आरोप लगाया है कि जनवरी 2020 में डा. समीर शर्मा को बिना उनके प्रमाण पत्रों की जांच किए कमेटी ने प्रिसिपल नियुक्ति कर दिया। घई का आरोप है कि प्रिसिपल नियुक्ति के लिए 15 वर्ष कालेज स्तर पर टीचिग का अनुभव और एसोसिएट प्रोफेसर पद होना चाहिए, लेकिन डा. समीर को पंजाब यूनिवर्सिटी ने सलेक्शन कमेटी ने गलत तरीके से प्रिसिपल पद पर नियुक्ति दे दी। आरटीआइ का हवाला देते हुए डा. घई ने बताया कि डा. समीर 2001 में डीएवी कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति हुई थी, लेकिन उनकी नियुक्ति को यूनिवर्सिटी ने आज तक मान्यता नहीं दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि दो साल में डा. समीर शर्मा को 32 लाख से अधिक वेतन का भुगतान किया जा चुका है।

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कैसे हुआ मामले का पर्दाफाश

डा. घई के अनुसार डा.समीर शर्मा ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में उन्हें एसोसिएट प्रोफेसर का ग्रेड दिए जाने की अपील दायर की थी। घई के अनुसार अगर प्रिसिपल पद पर नियुक्ति के समय डा. समीर एसोसिएट प्रोफेसर ही नहीं थे, तो उनकी नियुक्ति किस आधार पर हुई। मामले में खुद ही डा. समीर फंस गए हैं। डा. घई के अनुसार नियुक्ति के समय पीयू प्रशासन की ओर से सीनेटर राजेश महाजन और डा. रविद्र की नियुक्ति की गई थी। घई का आरोप है कि डा. समीर डीएवी मैनेजमेंट कमेटी के एक उच्च अधिकारी के रिश्तेदार हैं, जिसकी वजह से उनकी नियुक्ति में धांधली हुई है। कोट्स ..

एसपीएन कालेज में प्रिसिपल पद पर डा. समीर की नियुक्ति पूरी तरह से गलत है। मैने एजुकेशन सेक्रेटरी पंजाब को पत्र लिखकर उनकी नियुक्ति रद करने और अभी तक वेतन के तौर पर दिए गए 32 लाख रुपये रिकवर करने की मांग की है। पीयू प्रशासन भी मामले में हाई पावर कमेटी गठित कर पूरे मामले की पड़ताल करे।

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मेरी नियुक्ति पूरी तरह से नियमों के तहत है, जिसमें पंजाब यूनिवर्सिटी और पंजाब सरकार की ओर से एक्सपर्ट की नियुक्ति हुई है। कमेटी द्वारा नियुक्ति से पहले पूरी जांच पड़ताल की जाती है। डा. घई द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं।

-डा.समीर शर्मा, प्रिसिपल एसपीएन कालेज मुकेरियां, पंजाब


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