मोबाइल चलाने में नंबर वन, पढ़ाई-लिखाई से छूट रहा बच्चों का नाता; पैरेंट्स की चिंता बढ़ा देगी ये रिपोर्ट
पंजाब के बच्चे स्मार्टफोन के इस्तेमाल में सबसे आगे हैं। प्रथम फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार 15-16 साल के 96.2% बच्चों के पास घर पर स्मार्टफोन है। हालांकि केवल 57% बच्चे ही इसका इस्तेमाल शिक्षा के लिए करते हैं। सर्वे में यह भी पाया गया कि बच्चों के पढ़ने के स्तर में गिरावट आई है। हालांकि अंक गणित के स्तर में सुधार देखने को मिली है।

रोहित कुमार, चंडीगढ़। पंजाब के बच्चे सबसे ज्यादा स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर रहे है। प्रथम फाउंडेशन की ओर से जारी की गई एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट 2024 में बताया गया है कि 15-16 वर्ष की आयु के किशोरों का डिजिटल कौशल के लिए परीक्षण किया गया।
पंजाब में, इस आयु वर्ग के 96.2 प्रतिशत बच्चों ने कहा कि उनके पास घर पर एक स्मार्टफोन है, जो राष्ट्रीय स्तर पर 89.1 प्रतिशत से अधिक है। कम से कम 94.2 प्रतिशत ने कहा कि वे स्मार्टफोन का उपयोग कर सकते हैं, जबकि 46 प्रतिशत के पास अपना खुद का फोन (राष्ट्रीय स्तर पर 31.4 प्रतिशत से अधिक) है।
पंजाब के 20 जिलों में किया गया सर्वेक्षण
पंजाब में, 79.4 प्रतिशत सर्वेक्षण के दिन कार्य करने के लिए स्मार्टफोन ला सकते थे। पंजाब में 20 जिलों के 600 गांवों के कुल 20,226 बच्चों का सर्वेक्षण किया गया है। 57 फीसदी से कम बच्चे ही स्मार्ट फोन का इस्तेमाल शिक्षा के लिए करते है। वहीं बच्चों के पढ़ने के स्तर पर गिरावट आई है।
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सर्वेक्षण के दौरान बच्चों को दिए गए तीन डिजिटल कार्यों में से 87.8 प्रतिशत फोन पर अलार्म घड़ी सेट कर सकते हैं, 85.4 प्रतिशत जानकारी ब्राउज कर सकते हैं और 92.5 प्रतिशत किसी विशिष्ट विषय पर वीडियो ढूंढ सकते हैं।
वाक्य और एक पैराग्राफ तक पढ़ने में असफल रहे बच्चे
इसके साथ-साथ वॉट्सऐप या टेलीग्राम के माध्यम से इसे अपने परिवार या दोस्तों के साथ आगे साझा कर सकते हैं। वहीं, सर्वे के दौरान बच्चों को उनकी पसंद के अनुसार पंजाबी या अंग्रेजी में कक्षा 2 के स्तर का बुनियादी पाठ पढ़ने के लिए दिया गया।
कक्षा-3 के केवल 34.2 फीसदी ही बच्चे बुनियादी पाठ (पूरा वाक्य और एक पैराग्राफ) पढ़ सकते थे, जो 2022 के निष्कर्षों की तुलना में 33 प्रतिशत से एक प्रतिशत अधिक है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य के बच्चों में अंक गणित की समस्याओं को हल करने में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। कक्षा 3 के कम से कम 51.1 फीसदी बच्चे कम से कम घटाव कर सकते हैं, जो 2022 के 44.8 फीसदी से 67 फीसदी अधिक है। दो श्रेणियों पढ़ने और गणित में, पंजाब ने राष्ट्रीय औसत 27 फीसदी (पढ़ना) और 33.7 फीसदी (गणित) से बेहतर प्रदर्शन किया है।
पढ़ने के स्तर में गिरावट तो अंक गणित में हुआ सुधार
कक्षा 5 के बच्चों के मामले में भी अंक गणित के स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, लेकिन पढ़ने के स्तर में गिरावट दर्ज की गई है। कक्षा 5 के बच्चों को कक्षा 2 के स्तर की बुनियादी पाठ्य सामग्री पढ़ने और भाग-विभाजन समस्या (3 अंक गुणा 1 अंक) हल करने के लिए भी कहा गया। उनमें से केवल 61.4 फीसदी ही कक्षा 2 के स्तर की पाठ्य सामग्री पढ़ पाए, जो 2022 के 66.2 फीसदी से कम है।
हालांकि, 48.8 फीसदी भाग-विभाजन समस्या हल कर पाए, जो 2022 के 41.1 फीसदी से 7 प्रतिशत अधिक है। राष्ट्रीय स्तर पर, 48.8 फीसदी बच्चे मूल पाठ्य सामग्री पढ़ सकते हैं और 30.7 फीसदी मूल भाग-विभाजन समस्या हल कर सकते हैं।

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