पंजाब में 20 विद्यार्थियों से कम संख्या वाले 637 स्कूल मर्ज होंगे
पंजाब में 20 विद्यार्थियों से कम संख्या वाले 637 स्कूल मर्ज होंगे। विद्यार्थियों को एक किलोमीटर के दायरे में स्थित दूसरे स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सरकार 20 विद्यार्थियों से कम संख्या वाले सरकारी प्राइमरी स्कूलों को दूसरे स्कूलों में मर्ज करेगी। इन स्कूलों के विद्यार्थियों को एक किलोमीटर के दायरे में स्थित दूसरे स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। राज्य में ऐसे करीब 637 स्कूल हैं।
पहले सरकार ने 800 स्कूलों को मर्ज करने का निर्णय लिया था, लेकिन बाद में एक किलोमीटर के दायरे की शर्त के चलते 163 स्कूल इससे बाहर हो गए। मर्ज होने वाले स्कूलों में से 47 स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 5 से भी कम है और 15 स्कूलों में तीन-तीन ही विद्यार्थी हैं। अगले शिक्षा सत्र से पहले इन स्कूलों को दूसरे स्कूलों मे मर्ज कर दिया जाएगा। 25 अक्टूबर से यह कवायद शुरू हो जाएगी।
शनिवार को शिक्षा अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट के बाद शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी ने एक बैठक में कहा कि विभाग इस बात का खास ख्याल रखे कि बंद किए जाने वाले स्कूलों को एक किलोमीटर के दायरे में स्थित दूसरे स्कूलों में ही मर्ज किया जाए। साथ ही स्कूलों में तैनात स्टाफ को वरीयता व पारदर्शिता के तहत दूसरे स्कूलों में भेजा जाए।
पूर्व सरकार के समय में सर्वे, कांग्रेस सरकार ने लिया फैसला
स्कूलों को मर्ज करने के लिए पूर्व अकाली-भाजपा सरकार में ही सर्वे हो गया था। इस सर्वे में लगभग तय हो गया था कि कौन-कौन से स्कूल मर्ज किए जाने हैं। अब कांग्रेस सरकार ने इस फैसलों को लागू कर मर्ज होने वाले स्कूलों की सूची भी जारी कर दी है।
विपक्ष ने किया विरोध
आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल और भाजपा ने सरकार के फैसले का विरोध किया है। विपक्ष का कहना है कि सरकार को स्कूलों को मर्ज करने के बजाय विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने की कवायद करनी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि कोई भी सरकार शिक्षा के सेक्टर की इस तरह अनदेखी नहीं कर सकती। शिक्षा कारोबार नहीं बल्कि समाज की जरूरत है।
सरकार 12 हजार बच्चों के भविष्य से खेल रही है। रोपड़, होशियारपुर और गुरदासपुर जिले बहुत प्रभावित होंगे। भाजपा के प्रदेश सचिव विनीत जोशी व आप के उपप्रधान अमन अरोड़ा ने कहा है कि सरकार शिक्षा में सुधार के वादे को पूरा कर पाने में फेल साबित हो रही है। सरकार स्कूलों मर्ज करके कागजी आंकड़ों को सुधारना चाह रही है।
प्री प्राइमरी कक्षाओं की तैयारी करें
शिक्षा मंत्री ने अफसरों को आदेश दिए कि स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने की तैयारियां पूरी की जाएं। साथ ही जिन 400 स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू की जानी है, वहां पर स्टाफ की तैनाती के काम को तत्काल पूरा किया जाए। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि दर्जनों ऐसे स्कूल भी हैं, जिनके एक किलोमीटर के दायरेे में दूसरे सरकारी स्कूल नहीं है। यहां भी विद्यार्थियों की संख्या 20 से कम है, लेकिन इन्हें फिलहाल मर्ज नहीं किया जाएगा।
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क्या होगा असर
-विद्यार्थियों पर : विद्यार्थियों को अब मौजूदा स्कूल से एक किलोमीटर दूर वाले स्कूल में जाना होगा। उनकी पढ़ाई पहले की तरह चलती रहेगी।
-शिक्षकों पर: शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तैयार की जाएगी और जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट पूल बनाया जाएगा। इसके बाद टीचरों को उन स्कूलों में भेजा जाएगा, जहां बच्चों की संख्या के मुताबिक टीचरों की संख्या कम है। टीचरों को स्टेशन वरिष्ठता सूची के मुताबिक बांटे जाएंगे। उनकी पसंद को प्राथमिकता दी जाएगी।
-मिड डे मील व अन्य स्टाफ: किसी मिड डे मील कर्मी को निकाला नहीं जाएगा। बहुत से ऐसे स्कूल हैं, जहां मिड डे मील कर्मियों व क्लेरिकल स्टाफ की कमी है। इन्हें वहां शिफ्ट किया जाएगा।
-शिक्षा के स्तर पर: फैसले से प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी और शिक्षा के स्तर में भी सुधार होगा।
शिक्षक करेंगे संघर्ष
प्रदेश शिक्षक संघ के राज्य अध्यक्ष अजमेर सिंह औलख ने कहा इससे शिक्षकों, बच्चों के भविष्य व करीब 1600 पोस्टों पर असर पड़ेगा। नई पोस्टें नहीं बढ़ेंगी। सरकार बैकलॉग पूरा कर देगी। ऐसे में युवा शिक्षकों के लिए रोजगार के अवसर कम हो जाएंगे। सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया तो हम संघर्ष करेंगे।
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राज्य भर में स्कूलों की रैशनेलाइजेशन की गई है। जहां पर विद्यार्थियों की संख्या 20 से कम है उन स्कूलों को नजदीक के दूसरे स्कूल में मर्ज करने का फैसला लिया गया है। यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
-इंद्रजीत सिंह, डायरेक्टर पब्लिक इंस्ट्रक्शन एलीमेंटरी, पंजाब