अपनी मर्जी से ही डीजीपी नियुक्त करेगा पंजाब, सरकार बनाएगी राज्य आयोग
पंजाब सरकार राज्य के डीजीपी का चयन खुद करेगी। इसके लिए वह पंजाब पुलिस एक्ट-2007 में संशोधन करेगी और स्टेट कमीशन बनाएगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। डीजीपी के चयन के लिए पंजाब सरकार अपने हाथ से पावर निकलने नहीं देना चाहती। इसके लिए पंजाब सरकार ने पंजाब पुलिस एक्ट-2007 में संशोधन कर स्टेट कमीशन बनाने का फैसला किया है। यह बिल आज सदन में पेश होगा। इसके तहत पंजाब अपनी मर्जी से ही डीजीपी नियुक्त कर सकेगा। उसे केंद्रीय लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) को पैनल नहीं भेजना पड़ेगा। हालांकि, इस संशोधन को कानून के रूप में अमल में लाने में लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा।
'द पंजाब पुलिस एक्ट-2007Ó में केंद्रीय लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से तैयार किए पैनल के अनुसार डीजीपी का चयन करने संबंधी उपबंध नहीं है। इसे 5 फरवरी, 2008 को अमल में लाया गया था। कैप्टन सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के संबंध में एडवोकेट जनरल से राय मांगी थी। नंदा की सिफारिशों पर मंत्रिमंडल ने अदालती फैसले की राह पर कुछ धाराओं में संशोधन का फैसला किया है। इस संशोधन से सुप्रीम कोर्ट की सिफारिशों के मुताबिक डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
कैप्टन अमरिंदर मंत्रिमंडल ने पुलिस एक्ट में संशोधन करने की मंजूरी
राज्य सरकार ने इस महीने के शुरू में एक्ट में संशोधन का फैसला किया है। इससे डीजीपी की नियुक्ति के लिए स्टेट पुलिस कमीशन बनाया जा सके। इसी तरह 3 जुलाई, 2018 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा करने का भी फैसला लिया गया। इसमें राज्य सरकारें नाम प्रस्तावित करेंगी। प्रस्ताव के आधार पर यूपीएससी की तरफ से गठित पैनल राज्यों को डीजीपी के लिए उम्मीदवारों का चयन करके नियुक्ति का आदेश दिया गया था। मुख्यमंत्री ने एडवोकेट जनरल अतुल नंदा की सलाह को मंजूर किया था, जिसके अंतर्गत अदालती दिशा-निर्देश के साथ राज्य की सत्ता में केंद्र का दखल होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी यूपीएससी को पैनल भेजने की हिदायत
भारतीय संविधान के उपबंधों के मुताबिक अमन-कानून प्रांतीय विषय है। प्रकाश सिंह केस में अदालत ने विभिन्न राज्यों को पुलिस सुधार के निर्देश दिए हैं। इसमें यह हिदायत दी गई थी कि राज्य पुलिस प्रमुख का चयन विभाग में काम कर रहे तीन सबसे सीनियर अधिकारियों में से किया जाए।
यूपीएससी की ओर उनके सेवाकाल के बेहतर समय, अच्छे रिकॉर्ड और अनुभवों के आधार पर नाम सूचीबद्ध किए जाएंगे। 3 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को हिदायत दी कि जब भी डायरेक्टर जनरल का पद खाली हो, तो उस पद पर सेवा निभा रहे अधिकारी की सेवामुक्ति की तारीख से कम से कम तीन महीने पहले ही यूपीएससी पैनल तैयार करेगा। इसके बाद राज्य अपने पुलिस प्रमुख का चयन कर सकेंगे।