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सीनेट और छात्र चुनाव के बाद पुटा चुनाव भी रद, बढ़ते कोरोना मामलों के कारण नहीं मिली अनुमति

चुनाव के लिए पीयू प्रशासन की ओर चंडीगढ़ प्रशासन को पत्र लिखा गया था जिसका जवाब न मिलने पर वीरवार को रिटर्निंग ऑफिसर पुटा चुनाव प्रो. विजय नागपाल ने एक पत्र जारी कर चुनाव रद करने की घोषणा की। अभी पुटा चुनाव की आगामी तारीख की घोषणा नहीं हुई हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 05:17 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 05:17 PM (IST)
सीनेट और छात्र चुनाव के बाद पुटा चुनाव भी रद, बढ़ते कोरोना मामलों के कारण नहीं मिली अनुमति
रिटर्निंग ऑफिसर पुटा चुनाव प्रो. विजय नागपाल ने पत्र जारी कर चुनाव रद करने की घोषणा की है।

चंडीगढ़ [वैभव शर्मा]। पंजाब यूनिवर्सिटी में आयोजित होने वाले पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पुटा) के चुनाव रद कर दिए गए हैं। शहर और कैंपस में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण मामलों के कारण चंडीगढ़ प्रशासन ने पीयू को चुनाव के लिए अनुमति नहीं दी है। पुटा चुनाव को लेकर कैंपस में इस बार माहौल काफी गर्म हो गया था। प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं दिए जाने के कारण दोनों पक्षों की तैयारियां धरी की धरी रह गईं हैं।

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चुनाव के लिए पीयू प्रशासन की ओर चंडीगढ़ प्रशासन को पत्र लिखा गया था, जिसका जवाब न मिलने पर वीरवार को रिटर्निंग ऑफिसर पुटा चुनाव प्रो. विजय नागपाल ने एक पत्र जारी कर चुनाव रद करने की घोषणा की। अभी पुटा चुनाव की आगामी तारीख की घोषणा नहीं हुई हैं। गौरतलब है कि इससे पहले सीनेट और छात्र संघ चुनाव भी कोरोना की वजह से स्थगित किए जा चुके हैं।

टीचर्स ने जताया था चुनाव पर एतराज

पुटा चुनाव के आयोजन को लेकर कैंपस में कई टीचर्स ने इसका विरोध किया था। विरोध स्वरूप इन टीचर्स ने पीयू कुलपति को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने पुटा चुनाव को रद करने की मांग की थी। उसके अलावा कई टीचर्स इस बात को भी सार्वजनिक रूप से कह चुके थे कि वे चुनाव में वोट डालने नहीं जाएंगे।

चुनाव को लेकर एमएचए के अनुसार थी गाइडलाइंस

रिटर्निंग ऑफिसर प्रो. विजय नागपाल के अनुसार चुनाव को लेकर जो भी तैयारियां थी, वो सभी एमएचए के अनुसार थी। कोरोना वायरस को देखते हुए हमारी सभी तैयारियां पूरी थी। लेकिन चंडीगढ़ डिप्टी कमिशनर की ओर से हमें चुनाव आयोजन को लेकर कोई भी जवाब नहीं दिया गया है।

प्रो. कृष्ण मोहन और डॉ. मृत्युंजय ने जल्द चुनाव करवाने की बात कही है।

चुनाव के लिए चंडीगढ़ प्रशासन की अनुमति जरूरी है जो उन्होंने नहीं दी। चुनाव आज हो या फिर दस दिन बाद उससे कोई फर्क नहीं पडऩे वाला। चुनाव टीचर्स के हितों के लिए आयोजित होने चाहिए।

-प्रो. कृष्ण मोहन, जियोग्राफी विभाग, पीयू

यह लोकतंत्र का हनन है। हम इस फैसले की कड़े शब्दों में निंदा करते है। वोटिंग के लिए गाइडलाइंस एमएचए के अनुसार थी। पुटा चुनाव का प्रशासन से कोई लेना-देना नहीं था। यह सब दूसरे ग्रुप की चाल है। हम पुटा कमेटी में चुनाव करवा कर रहेंगे। आने वाले समय में हमारा ग्रुप बैठेगा और बात की जाएगी।

-डॉ. मृत्युंजय, एससी जोशी लाइब्रेरी, पीयू

डॉ. सुमन मोर और प्रो. रजत संधीर।

हालात को देखते हुए यह फैसला ठीक है। पुटा चुनाव में वोट फीसद हमेशा 90 से उपर रहता है। इस बार कोरोना की वजह से कई टीचर्स ने वोट डालने नहीं आना था। टीचर्स के हितों के लिए पुटा चुनाव जरूरी हैं।

-प्रो. रजत संधीर, बॉयोकेमेस्ट्री विभाग, पीयू

चुनाव के लिए हालात अभी ठीक नहीं है। मैं फैसले का स्वागत करती हूं और यह फैसला सबके लिए ठीक है। लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। मैं उम्मीद करती हूं कि हालात जल्द ठीक हो जाएंगे और पुटा चुनाव के लिए सभी टीचर्स एक साथ वोट डालेंगे।

-डॉ. सुमन मोर, चेयरपर्सन, पर्यावरण विभाग, पीयू


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