PU के स्टूडेंट्स को डिग्री पूरी करने के लिए मिला Golden Chance, फीस अदाकर दे सकेंगे परीक्षा
पंजाब यूनिवर्सिटी और इससे जुड़े मान्यता प्राप्त कॉलेजों के ऐसे स्टूडेंट्स जो किसी कारण से अपनी डिग्री पूरी नहीं कर सके उन्हें इसके लिए एक और मौका दिया गया है।
चंडीगढ़, जेएनएन: पंजाब यूनिवर्सिटी और इससे जुड़े मान्यता प्राप्त कॉलेजों के ऐसे स्टूडेंट्स जो किसी कारण से अपनी डिग्री पूरी नहीं कर सके, उन्हें इसके लिए एक और मौका दिया गया है। डिग्री पूरी करने के लिए वे निर्धारित फीस अदाकर छूटी हुई परीक्षा दे सकेंगे। इसके लिए जल्द ही कार्यक्रम जारी किया जाएगा। यह फैसला शनिवार को सिंडिकेट की बैठक में लिया गया। इस फैसले से करीब पांच से सात हजार स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा ।
पहले एक सेमेस्टर में रिअपीयर होने के बाद मात्र दो ही चांस एग्जाम देने को मिलते थे। अब बीए में छठे सेमेस्टर तक कोई भी स्टूडेंट किसी भी सेमेस्टर का एग्जाम दे सकता है। इसके अलावा सिंडिकेट ने यह भी क्लियर किया है कि यह सिर्फ एक मौका है, जिसमें किसी भी सेमेस्टर का स्टूडेंट एग्जाम दे सकता है। बैठक में सबसे अहम बात रही कि पीएचडी के नियमों में बदलाव नहीं किए गए। पीएचडी के नियमों में बदलाव करने का प्रस्ताव लाया गया था, इसके अलावा कॉन्ट्रैक्ट टीचरों का वेतन बढ़ाकर 50,000 करने की बात भी कही गई थी, लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं हुई।
होशियारपुर रीजनल सेंटर के girls hostel को खुले रखने का फैसला
पंजाब यूनिवर्सिटी में हुई बैठक के दौरान होशियारपुर रीजनल सेंटर के हॉस्टल को भी 24 घंटे खुले रहने की मंजूरी भी दे दी गई है। मामले को लेकर सिंडिकेट को मेमोरंडम देने के लिए होशियारपुर रीजनल सेंटर की लड़कियां पहुंची थीं। इसमें उन्होंने मांग की कि हमें भी पंजाब यूनिवर्सिटी की तर्ज पर 24 घंटे आने जाने की अनुमति दीजिए दी जाए। इसके अलावा बैठक में लॉ स्टूडेंट को माइग्रेशन देने पर भी चर्चा हुई। जिसमें स्पेशल केस के दौरान ही माइग्रेशन देने की अनुमति दी गई, बैठक में एक स्टूडेंट को अनुमति दी गई है जो कि कैंसर से पीडि़त है। बैठक में Guru govind singh कॉलेज फॉर वूमेन सेक्टर 26 में एमएससी आइटी और बीए कोर्स को खत्म करने की भी परमिशन दे दी गई। उल्लेखनीय है कि कॉलेज में दोनों ही विषयों के स्टूडेंट्स की संख्या बहुत ही कम थी, जिसके कारण कॉलेज को अनुमति दी गई है। इसके अलावा भाग सिंह खालसा कॉलेज में बीए, बीएससी, बीकॉम, fहदी पंजाबी और हिस्ट्री को शुरू करने की अनुमति नहीं दी गई है। कॉलेज ने इन कोर्स को शुरू करने की मांग की थी लेकिन नियम के पूरा ना होने के कारण उन्हें यह कोर्स करने की अनुमति नहीं दी गई। वहीं रयात बहारा एजुकेशनल ट्रस्ट को रिसर्च सेंटर देने पर विचार किया गया, लेकिन कॉलेज के पास उचित उपकरण नहीं होने के कारण उसे भी रोक दिया गया।