रिहायशी इलाके में शांति भंग की तो जाना पड़ सकता जेल, पीयू के रजिस्ट्रार ने जारी की एडवाइजरी
पंजाब यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. करमजीत सिंह ने एडवाइजरी जारी की है कि पीयू के रिहायशाी इलाके में शांति भंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी के रिहायशी इलाके की शांति को भंग की तो सीधा प्रिवेंटिव एक्शन में केस दर्ज होगा। जिसमें गिरफ्तार आरोपित को एक दिन सलाखों में रहने के बाद दूसरे दिन एरिया मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। यह केस स्टूडेंट्स से लेकर पंजाब यूनिवर्सिटी में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी हो सकता है। इसी प्रकार की एडवाइजरी पंजाब यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. करमजीत सिंह ने जारी की। एडवाइजरी शुक्रवार रात को वीसी आवास के बाहर एसएफएस स्टूडेंट्स के विरोध प्रदर्शन के बाद जारी हुई है। स्टूडेंट्स ने विरोध करते हुए 9.30 बजे वाइस चांसलर प्रो. राजकुमार के घर के सामने की गई बैरिकेडिंग तोड़ दी थी और उनके मुख्य द्वार तक पहुंच गए थे। चार छात्र संगठनों के 200 स्टूडेंट्स मौजूद थे।
किसी भी एडवाइजरी का नहीं करेंगे पालन : एसएफएस
एसएफएस की ओर से कहा गया है कि रजिस्ट्रार की ओर से जारी एडवाइजरी स्टूडेंट्स की आवाज को दबाने के लिए है। जब हमारी मांगों का किसी के पास कोई जवाब नहीं है। स्टूडेंट्स बीते 27 दिन से धरने पर हैं और उन्हें कोई पूछने तक नहीं आया। जब तक 24 घंटे हॉस्टल को खुला रखने की मांग पूरी नहीं होगी, धरना चलता रहेगा। स्टूडेंट लीडर हरमन ने कहा कि स्टूडेंट्स की डिमांड को भटकाने की कोशिश की जा रही है।
एडवाइजरी का करते हैं समर्थन, ऑफिस तक ही अच्छा लगता है प्रदर्शन
नॉन टीचिंग फैकल्टी के प्रेशर दीपक कौशिक का कहना है कि एडवाइजरी का समर्थन करते हैं। किसी अधिकारी के प्रति विरोध करना हो, तो उनके ऑफिस में किया जा सकता है। किसी के घर पर जाकर कोई मांग पूरी नहीं होती। पीयू से भी अपील करते हैं कि स्टूडेंट्स के साथ बैठकर बात की जाए, ताकि मुद्दा सुलझ सके।