Punjab University: IIT Mumbai के प्रोफेसर का जलवायु बचाने का खास मिशन, 11 साल बस में रहकर करेंगे लोगों को प्रेरित
IIT Mumbai के प्रोफेसर पूरे भारत में युवाओं को सोलर एनर्जी के प्रति जागरूक करने के मिशन पर निकले हुए हैं। पर्यावरण को बचाने के लिए प्रो. सोलंकी बीते कई वर्षो से जागरुकता अभियान चला रहे हैं। वह एक खास बस के साथ पंजाब यूनिवर्सिटी पहुंचे हैं।
चंडीगढ़, जागरण संवाददाता: आइआइटी मुंबई के प्रोफेसर पूरे भारत में इन दिनों युवाओं को सोलर एनर्जी के प्रति जागरूक करने के मिशन पर निकले हुए हैं। इसी पड़ाव में शनिवार को पंजाब यूनिवर्सिटी स्थित यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी (यूआइइटी) में एक खास बस के साथ प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी पहुंचे। दुनिया भर में तेजी से खराब होते पर्यावरण को बचाने के लिए प्रो. सोलंकी बीते कई वर्षो से जागरुकता अभियान चला रहे हैं।
प्रो. सोलंकी के पास लोगों को सोलर एनर्जी के प्रति जागरूक करने का अलग ही अंदाज है। उन्होंने 2020 से 30 तक घर नहीं जाने और अपने लिए तैयार खास सोलर बस में रहने का प्रण लिया हुआ है। बेहद सादगी पसंद प्रो. चेतन बताते हैं कि हम बेशक कितनी भी तरक्की कर लें, लेकिन पर्यावरण को लेकर अभी नहीं जागे तो इसकी हमारी आने वाली पीढि़यों को काफी भारी कीमत चुकानी होगी।
यूआइइटी सेमिनार हाल में दिए लेक्चर में स्टूडेंट्स ने काफी ध्यान से उनकी बातों को सुना। दस वर्षो में ग्लोबल वार्मिग में तेजी से बढ़ोतरी प्रो. सोलंकी ने बताया कि दुनिया में ग्लोबल वार्मिग सभी देशों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। एनर्जी के विकल्प के तौर पर सोलर एनर्जी को बड़ी तेजी से अपनाया जा रहा है। रूटीन में काम आने वाले सभी चीजों को सोलर एनर्जी में बदलने पर फोकस है।
डा. सोलंकी ने कहा कि 1.5 डिग्री सेंटीग्रेड (आइपीसीसी रिपोर्ट) के ग्लोबल वार्मिग तक पहुंचने से पहले हमारे पास केवल 7 से 10 साल शेष हैं। इसलिए जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए कठोर और तत्काल कदम उठाने होंगे। प्रोफेसर सोलंकी ने स्वीकार किया कि अब लोगों को सोलर एनर्जी की तरफ शिफ्ट होने पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि इसे एक जन आंदोलन बनाना होगा। सोलंकी ने एक सौर बस के माध्यम से 11 साल लंबी ऊर्जा स्वराज यात्रा (2020-30) यात्रा का प्रण लिया है। प्रोफेसर ने बस को ही बनाया घर पीयू के छात्रों और शिक्षकों को प्रो. सोलंकी ने सौर ऊर्जा से चलने वाली बस के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
एनर्जी स्वराज बस में काम करने, सोने, खाना पकाने, कपड़े धोने और प्रशिक्षण की सुविधा दी गई है। बस में 3.2 किलोवाट के सोलर पैनल और छह किलोवाट की बैटरी स्टोरेज के लिए लगाई गई है। इसमें तीन केवीए का इनवर्टर भी है। बस के अंदर लाइट, कूलर, रसोई का चूल्हा, टीवी, एसी, लैपटाप चार्जिग सभी सौर ऊर्जा से संचालित होते हैं। स्टूडेंट्स के लिए प्रो. चेतन सोलंकी की बस रोमांच भरी थी।